दिल्ली : दिल्ली में सरकार और उपराज्यपाल के बीच लगातार टकराव की स्थिति बनी हुई है. इस बार उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने दिल्ली में वितरण होने वाले पानी को मुद्दा बनाया है. पानी के बहाने LG सक्सेना ने दिल्ली जल बोर्ड के कार्य कलापों पर सवाल उठाये हैं.
दिल्ली LG वीके सक्सेना के सीएम केजरीवाल से 5 सवाल
दिल्ली में वजीराबाद डब्ल्यूटीपी(WTP) और जलापूर्ति को लेकर एलजी विनय कुमार सक्सेना ने सीएम अरविंद केजरीवाल को चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने दिल्ली में वितरण किये जाने वाले पानी के बारे में सीएम से सवाल पूछा है.
उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने अपनी चिट्ठी में 5 सवाल पूछे है,वो सवाल हैं..
- दिल्ली के लोगों को किस तरह का पानी दिया जा रहा है?
2 इसकी गुणवत्ता क्या है और क्या यह वास्तव में पीने योग्य है?
3 क्या हम दूषित पानी की आपूर्ति कर दिल्ली के लोगों के स्वास्थ्य और जीवन के साथ खिलवाड़ नहीं कर रहे हैं?
- क्या यह देश की राष्ट्रीय राजधानी में उचित है?
5 क्या दिल्ली में 9,12,500 मिलियन गैलन पानी केवल इसलिए बर्बाद हो सकता है क्योंकि क्योंकि दिल्ली जल बोर्ड ने अपने स्टोरेज करने वाले तालाबों की सफाई नहीं की है?
दिल्ली एलजी ने वजीरावाद प्लांट का दौरा किया
उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने ये सवाल दिल्ली में NGT द्वारा बनाये गये हाई लेवल कमिटी के चेयरमैन के तौर पर वजीरावाद वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का दौरा करने के बाद पूछा है. उन्होने पत्र में लिखा है कि मैंने 9 मार्च 2023 को NGT द्वारा बनाये गये हाइ लेवल कमिटी के साथ दौरा किया और पाया कि यहां प्लांट की हालत खराब है. एलजी ने कुछ तस्वीरें भी चस्पा की है जिसमें दिख रह है कि प्लांट के पाइप सड़ी गली अवस्था में हैं औऱ जंग खा रहे हैं.
ट्रीटमेंट प्लांट की खराब हालत से पानी के दूषित होने का खतरा
इन सवालों के जरिये उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने जल संचय करने की प्रकिया पर केजरीवाल सरकार को घेरा है और ये बताया है कि दिल्ली जल बोर्ड की लापरवाही के कारण 9,12,500 मिलियन गैलन पानी बर्बाद हो सकता है.
सोमनाथ भारती बने हैं जल बोर्ड के नये उपाध्यक्ष
केजरीवाल सरकार ने एक दिन पहले ही दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्याक्ष सौरभ भारद्वाज के दिल्ली सरकार में मंत्री बनाया है. वहीं मालवीय नगर से आप के विधायक और राज्य में पूर्व कानून मंत्री रहे सोमनाथ भारती को नया जल बोर्ड उपाध्यक्ष बनाया है.
अब उपराज्यपाल के सवाल से दिल्ली जल बोर्ड के काम पर सवाल उठे हैं. जलबोर्ड के उपाध्यक्ष रहते हुए सौरभ भारद्वाज के नेतृत्व में काम क्यों नहीं हुआ या काम में कोताही क्यों हुई इसका जवाब केजरीवाल सरकार को देना है.