Sudha Murty: राज्यसभा सांसद और लेखिका सुधा मूर्ति रक्षाबंधन पर एक वीडियो शेयर कर ट्रोल हो गई है. लोग सुधा मूर्ति को रोजाना 20 घंटे इतिहास पढ़ने की सलाह दे रहे है तो कोई उन्हें हफ्ते में 100 घंटा पढ़ने की सलाह दे रहा है. अकसर सोशल मीडिया पर अपने वीडियो पोस्ट से लाखों लाइक और कमेंट पाने वाली सुधा मूर्ति के मज़ाकिया अंदाज और किस्से सुनाने के दिलचस्प तरीके के देश विदेश में करोड़ों फैन है तो इस बार ऐसा क्या हुआ की सुधा मूर्ति ट्रोलस के निशाने पर आ गई.
Sudha Murty के रक्षा बंधन वीडियो में क्या है
असल में रक्षाबंधन पर सुधा मूर्ति ने एक वीडियो पोस्ट शेयर किया. इस पोस्ट में उन्होंने हुमायूं और रानी कर्णावती की कहानी सुनाते हुए राखी की परंपरा के बारे बात की. उन्होंने अपने पोस्ट के कैप्शन में लिखा, “रक्षा बंधन का एक समृद्ध इतिहास है. जब रानी कर्णावती खतरे में थीं, तो उन्होंने भाई-बहन के प्रतीक के रूप में राजा हुमायूं को एक धागा भेजा और उनसे मदद मांगी. यहीं से धागे की परंपरा शुरू हुई और यह आज भी जारी है.”
Raksha Bandhan has a rich history. When Rani Karnavati was in danger, she sent a thread to King Humayun as a symbol of sibling-hood, asking for his help. This is where the tradition of the thread began and it continues to this day. pic.twitter.com/p98lwCZ6Pp
— Smt. Sudha Murty (@SmtSudhaMurty) August 19, 2024
सुधा मूर्ति ने अपनी सफाई में क्या कहा
बसा यही उनसे गलती हो गई. उन्होंने रक्षा बंधन के त्योहार की शुरुआत इस कहानी से जोड़ कर कई लोगों को गुस्सा दिला दिया. हलांकि बाद में उन्होंने एक और पोस्ट डाल अपनी सुनाई कहानी पर सफाई भी दी. उन्होंने अपने दूसरे पोस्ट में लिखा, “रक्षा बंधन पर मैंने जो कहानी साझा की है, वह त्योहार से जुड़ी कई कहानियों में से एक है और निश्चित रूप से इस कहानी से त्यौहार की शुरुआत नहीं हुई है. जैसा कि मैंने वीडियो क्लिप में कहा है, यह पहले से ही इस देश का रिवाज था. मेरा इरादा उन कई कहानियों में से एक को उजागर करना था, जो मैंने बड़े होने पर सीखी थीं, रक्षा बंधन के पीछे सुंदर प्रतीकवाद के बारे में. रक्षा बंधन एक बहुत पुरानी परंपरा है जो हमारे प्यारे देश के समय और संस्कृति से परे है, जिस पर मुझे गर्व है और मैं अपने भाई-बहनों के लिए स्नेह के साथ इसका इंतजार करती हूँ.”
सुधा मूर्ति की सफाई से संतुष्ट क्यों नहीं हैं लोग
हलांकि इस सफाई के बाद भी एक्स यूजर ने उन्हें ट्रोल करना नहीं छोड़ा, एक यूजर ने लिखा, “मैडम, उस स्थिति में आपको वह वीडियो और ट्वीट डिलीट कर देना चाहिए, क्योंकि वीडियो और ट्वीट दोनों में साफ तौर पर कहा गया है कि राखी की परंपरा दुर्गावती और हुमायूं की इस फर्जी कहानी से शुरू हुई. गलतियाँ होना ठीक है, कोई भी व्यक्ति हमेशा सही नहीं होता.”
वहीं एक और ने कहा, “इसे समझाइए. अगर आपको ज़रूरत हो तो 70 घंटे ले लीजिए, लेकिन इसे ज़रूर समझाइए. आपने सचमुच कहा कि धागे की परंपरा रानी कर्णावती और हुमायूँ की घटना से शुरू हुई.”
इसी तरह तीसरे ने टिप्पणी की, “मैडम जब आपने कहा कि “बड़े होने पर मैंने जो कई कहानियाँ सुनीं, उनमें से एक” तो यहीं समस्या है.”
सुधा मूर्ति को मिल चुका है पद्म श्री और पद्म भूषण सम्मान
आपको बता दें, सुधा मूर्ति इंफोसिस फाउंडेशन की पूर्व अध्यक्ष और इसके सह-संस्थापक नारायण मूर्ति की पत्नी हैं. वो इस समय राज्यसभा की सदस्य भी है, उन्हें 2006 में भारत के चौथे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया था. इसके बाद 2023 में, उन्हें भारत के तीसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया था.
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