यूनियन बजट 2023 (Union Budget 2023) से मिडिल क्लास को बहुत उम्मीदें हैं. ख़ासकर इनकम टैक्स (Income Tax) में वे बड़ी राहत चाहते हैं. साल 2020 और 2021 में कोरोना महामारी ने लोगों की मुश्किलें बहुत बढ़ा दी थी. 2022 में बढ़ती महंगाई ने उनका जीना मुहाल कर दिया. फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) उनकी मुश्किल कुछ हद तक दूर कर सकती हैं. वित्तमंत्री 1 फरवरी को यूनियन बज़ट (Budget 2023) पेश करेंगी. यह 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बज़ट होगा. चुनावों के बाद केंद्र में बनने वाली नई सरकार फाइनेंशियल ईयर 2024-25 का पूर्ण बज़ट पेश करेगी. पर्सनल इनकम टैक्स से जुड़े वित्तमंत्री के ये पांच ऐलान आपकी जिंदगी को आसान बना देंगे.
बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट में इज़ाफ़ा
सरकार को इनकम टैक्स से छूट के लिए इनकम की लिमिट बढ़ाने की जरूरत है. इसे बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट कहते हैं. अभी यह लिमिट 2.5 लाख रुपये है. सरकार को इसे बढ़ाकर कम से कम 5 लाख रुपये करना चाहिए. इसका मतलब यह है कि अभी सालाना 2.5 लाख रुपये तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं लगता है. अगर इसे बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया जाता है तो 5 लाख रुपये सालाना इनकम वाले लोगों को इनकम टैक्स से छूट मिल जाएगी.
सेक्शन 80C की लिमिट में बदलाव
फाइनेंस मिनिस्टर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी के तहत डिडक्शन की लिमिट बढ़ा सकती हैं. अभी यह लिमिट सालाना 1.5 लाख रुपये है. सेक्शन 80सी के तहत आने वाले इन्वेस्टमेंट ऑप्शंस में एक फाइनेंशियल ईयर में 1.5 लाख रुपये तक निवेश कर टैक्स डिडक्शन का दावा किया जा सकता है. इसका मतलब यह है कि यह 1.5 लाख रुपये आपकी कुल सालाना इनकम से घटा दिए जाते हैं. टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस लिमिट को बढ़ाकर कम से कम 3 लाख रुपये करने की जरूरत है. इसकी वजह यह है कि पिछले सालों में महंगाई काफी बढ़ी है.
स्टैंडर्ड डिडक्शन में वृद्धि
नौकरी करने वाले लोगों को यूनियन बजट 2023 से बहुत उम्मीदें हैं. अगर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाकर कम से कम एक लाख रुपये कर देती हैं तो इससे नौकरी करने वाले लोगों को बहुत राहत मिलेगी. अभी नौकरी करने वाले लोगों को 50,000 रुपये का डिडक्शन मिलता है. टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह बहुत कम है.
होम लोन के ब्याज पर ज्यादा डिडक्शन
यूनियन बजट 2023 में अगर होम लोन पर टैक्स बेनिफिट बढ़ाया जाता है तो इससे घर खरीदने में लोगों की दिलचस्पी बढ़ेगी. अभी सेक्शन 24बी के तहत एक फाइनेंशियल ईयर में होम लोन के इंटरेस्ट पर 2 लाख रुपये तक के डिडक्शन की इजाजत है. टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसे बढ़ाकर कम से कम 3 लाख रुपये करने की जरूरत है. इसकी वजह यह है कि पिछले साल मई से होम लोन के इंटरेस्ट रेट्स लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसे में घर खरीदारों के लिए टैक्स बेनिफिट बढ़ाना जरूरी है.
हेल्थ पॉलिसी पर ज्यादा टैक्स बेनिफिट
अभी सेक्शन 80डी के तहत हेल्थ पॉलिसी खरीदने पर टैक्स बेनिफिट मिलता है. 60 साल तक के उम्र का व्यक्ति हेल्थ पॉलिसी के प्रीमियम पर एक फाइनेंशियल ईयर में 25,000 रुपये तक का डिडक्शन क्लेम कर सकता है. 60 साल से ज्यादा उम्र के व्यक्ति के लिए हेल्थ पॉलिसी पर डिडक्शन की लिमिट 50,000 रुपये है. जानकारों का कहना है कि इस डिडक्शन को बढ़ाकर दोगुना करने की जरूरत है. वित्त मंत्री को 60 साल तक के उम्र के व्यक्ति के लिए डिडक्शन बढ़ाकर 50,000 रुपये और इससे ज्यादा उम्र के व्यक्ति के लिए 1 लाख रुपये कर देना चाहिए. इसकी वजह यह है कि कोरोना महामारी के बाद इंश्योरेंस कंपनियों ने हेल्थ पॉलिसी के प्रीमियम को बहुत बढ़ा दिया है.
रानी वर्मा, स्वतंत्र पत्रकार