Friday, March 14, 2025

Rahul Gandhi: दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ के बाद कुलियों से मिले, कहा- उनके अधिकारों के लिए लड़ेंगे, सरकार तक पहुंचाएंगे उनकी मांग

वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी Rahul Gandhi ने बुधवार को उन कुलियों की कठिनाइयों को उजागर किया, जिन्होंने पिछले महीने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ के दौरान लोगों की मदद करने के लिए अपनी जान जोखिम में डाली थी.

मैं इनकी मांगों को सरकार के समक्ष रखूंगा और इनके अधिकारों के लिए लडूंगा!

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर कुलियों के साथ बातचीत का एक वीडियो अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर पोस्ट करते हुए गांधी ने कहा, “किसी-किसी दिन खाने के भी पैसे नहीं होते. हम घर पर पैसे भेजें या खाना खाएं” हमारे कुली भाई ऐसी मुश्किलों में जीने को मजबूर हैं. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ के दौरान इन लोगों ने अपनी जान जोख़िम में डालकर लोगों की मदद की, लेकिन इनकी आवाज़ नहीं सुनी जा रही. मैं इनकी मांगों को सरकार के समक्ष रखूंगा और इनके अधिकारों के लिए पूरी ताक़त से लडूंगा! ”

Rahul Gandhi ने भगदड़ के दौरान लोगों की मदद करने के लिए कुलियों को धन्यवाद कहा

लोकसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) ने 15 फरवरी को भगदड़ के दौरान यात्रियों की सहायता करने वाले कुलियों के प्रयासों की भी प्रशंसा की.
उन्होंने कहा, “कुछ दिन पहले, मैं नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंचा और कुली भाइयों से फिर मिला. बातचीत के दौरान, उन्होंने मुझे बताया कि कैसे उन्होंने लोगों की जान बचाने के लिए हर संभव प्रयास किया – लोगों को भीड़ से बाहर निकालने में मदद की, घायलों को एम्बुलेंस तक पहुंचाया, प्रशासन की मदद की और यहां तक कि अपने पैसे का भी इस्तेमाल किया.”
गांधी ने कहा कि संकट के प्रबंधन में उनकी भूमिका के बावजूद, कुली आर्थिक रूप से संघर्ष कर रहे हैं.

कुलियों ने राहुल गांधी से साझा की अपनी परेशानियां

एक कुली गांधी से कह रहा था, “कुछ दिनों में हमारे पास खाने के लिए भी पैसे नहीं होते. क्या हमें पैसे घर भेजने चाहिए या फिर अपने खाने पर खर्च करने चाहिए?”
उनकी दुर्दशा को संबोधित करते हुए, गांधी ने कहा कि वह उनकी मांगों को सरकार के समक्ष रखेंगे. गांधी ने कहा, “मैं उनकी मांगों को सरकार के समक्ष रखूंगा और उनके अधिकारों के लिए पूरी ताकत से लड़ूंगा.”

कुंभ जाने की होड़ के चलते 18 लोगों की हुई थी मौत

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म 14 पर भगदड़ मचने से 18 लोग कुचलकर मर गए थे. 15 पीड़ितों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, 12 की मौत “दम घुटने” से हुई, दो की मौत छाती में चोट लगने के कारण “रक्तस्रावी सदमे” से हुई और एक की मौत सिर और छाती पर “ब्लंट सरफेस इम्पैक्ट” से हुई. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन तीन लोगों की मौत दम घुटने से नहीं हुई, वे सभी कुचलकर मारे गए थे, रिपोर्ट के अनुसार उनके फेफड़े, हृदय और सिर में घातक चोटें आई थीं.

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