Friday, September 20, 2024

श्रद्धा हत्याकांड के हर राज़ का पर्दाफाश, होश उड़ा देगी ये हकीकत

श्रद्धा मर्डर केस के बारे में जिसने भी सुना वो सोचने पर मजबूर हो गया कि क्या दो प्यार करने वालों में नफरत इतनी ज्यादा बढ़ सकती है कि कोई अपनी ही मोहब्बत का कत्ल अपने हाथों से कर दे. औऱ फिर बड़ी बेरहमी से छोटे छोटे टुकड़ों में अपनी प्रेमिका को काट सके. इस खौफनाक हत्याकांड से जुड़े अब कई खुलासे हो रहे हैं जिसे जानकर आपके भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे
श्रद्धा मर्डर केस में पुलिस की जांच में सामने आया है कि लिव इन में रहने के दौरान आफताब और श्रद्धा के बीच अक्सर लड़ाई झगड़े होते रहते थे. यहाँ तक कि लड़ाई झगडे मारपीट तक भी पहुँच जाते थे. श्रद्धा बस किसी तरह अपने प्यार को अपनी ज़िन्दगी बनाना चाहती थी लेकिन आफताब उसकी इसी मजबूरी का फायदा उठा रहा था और हर दिन हैवानियत की हर हद पार करते हुए इंसान से राक्षस बनता जा रहा था.
दोनों के बीच भरोसे की कमी हो गई थी. दोनों के बीच अविश्वास इतना गहरा गया था कि दोनों एक दूसरे पर शक करते थे.आफताब को लगता था कि श्रद्धा किसी और लड़के के साथ रिलेशन में है तो श्रद्धा को लगता था कि आफताब का संबंध दूसरी लड़की से है. आफताब औऱ श्रद्धा दोनों एक दूसरे के मोबाइल को चेक करते थे. फोन कॉल औऱ व्हाट्सऐप चैट चेक होते थे. कहने का मतलब ये कि दोनों के बीच भरोसा बचा ही नहीं था. वो भरोसा जो किसी भी रिश्ते का आधार होता है. लेकिन यहां तो दोनों को एक दूसरे पर भरोसा था ही नहीं तो रिश्ते कैसे बचते.
रोज रोज की लड़ाई से तंग आकर और अपने प्यार को फिर से ज़िंदा करने के लिए हत्या से कुछ दिन पहले ही श्रद्धा आफताब को लेकर हिमाचल घूमने गई थे लेकिन इस तफरीह के बाद भी उनके बीच खटास कम नहीं हुई. मई महीने में आफताब श्रद्धा को लेकर दिल्ली आया और छतरपुर में ही एक मकान किराए पर लेकर रहने लगा. और यहीं दिल्ली में उसी किराए के मकान में उसने 18 मई को श्रद्धा की बेरहमी से हत्या कर दी.
आप सोच रहे होंगे कि दोनों में लड़ाई हुई होगी और गुस्से में आफताब ने अपनी प्रेमिका श्रद्धा की हत्या कर दी होगी. जी नहीं आप बिलकुल गलत सोच रहे हैं. दरअसल इस हत्या को आफताब ने बहुत सोच समझ कर और बहुत रिसर्च के बाद अंजाम दिया. आप सोच रहे होंगे कि हत्या करने में रिसर्च कैसा. आफताब ने श्रद्धा की हत्या के लिए और उसके शरीर को ठिकाने लगाने के लिए बहुत रिसर्च किया. उसने गूगल पर हत्या करने के तरीके और शरीर को ठिकाने लगाने के तरीके खोजे.

All You Need To Know About 'Dexter' - Series That Allegedly Inspired The Shraddha Murder Case
यहां तक कि एक वेब सीरीज भी देख कर आइडिया लिया. वेब सीरीज का नाम है DEXTER जो एचबीओ और AMAZON पर है.इस वेब सीरीज में दिखाया गया है कि कैसे हत्या की जाती है और हत्या के बाद शरीर को कैसे ठिकाने लगाते हैं और कैसे पुलिस से बचते हैं. लेकिन इस वेब सीरीज डेक्सटर में जो किरदार होता है वो सिर्फ बुरे लोगों की हत्या करता है लेकिन आफताब ने अपने सबसे करीबी सबसे प्रिय… अपनी प्रेमिका की ही हत्या कर दी.
वैसे अगर आफताब के सोशल मीडिया पर नज़र डालें तो पता चलता है कि आफताब फ़ूड व्लॉगिंग किया करता था. फूड ब्लॉगिंग के दौरान ही आफताब श्रद्धा से मिला था. हालांकि लंबे समय से उसके ब्लॉगिंग को लेकर कोई नया वीडियो नहीं आया था. उसका आखिरी पोस्ट फरवरी महीने में आया था, जिसके बाद से प्रोफाइल पर कोई खास एक्टिविटी नहीं है.

@Hungrychokro_escapades नाम के उसके इंस्टाग्राम पर 28 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं. आफताब और श्रद्धा के प्यार में धीरे धीरे इतनी कड़वाहट भर गई कि आफताब ब्लॉगिंग के लिए सब्ज़ियां काटता काटता अपनी प्रेमिका को काटने वाला राक्षस बन गया.
एक ऐसा राक्षस जिसने अपनी प्रेमिका की गला दबाकर हत्या कर दी. इसके बाद उसके शरीर को आरी से छोटे छोटे 20-25 टुकड़े किए. शरीर के उन टुकड़ों को सुरक्षित रखने के लिए 300 लीटर का एक फ्रिज खरीदा ताकी लाश जल्दी खराब ना हो सके. इसके बाद फ्रिज में श्रद्धा के शरीर के टुकड़ों को पॉलिथिन में लपेटकर रखा. और हर दिन रात के 1-2 बजे के करीब श्रद्धा के शरीर का एक टुकड़ा पास के जंगल में फेंक आता था.

पुलिसिया पूछताछ में आफताब ने बताया कि हत्या वाले दिन किसी बात पर दोनों की लड़ाई हुई और इस दौरान वो श्रद्धा की छाती पर बैठ गया और दोनों हाथों से उसका गला दबा दिया. आफताब ने तब तक गला दबाए रखा जब तक श्रद्धआ मर नहीं गई. जब उसने देखा कि श्रद्धा मर चुकी है तब उसने लाश को घसीटकर बाथरूम में रख दिया. बाथरूम में ही उसने आरी से श्रद्धा के शरीर के टुकड़े किए ताकि खून पूरे घर में ना फैल जाए. लाश को काटने के तरीके भी उसने गूगल पर सर्च किए थे.
आरी से श्रद्धा के शरीर को टुकड़ों में काटने के बाद बाथरूम की फर्श को धोने के लिए एसिड के बारे में उसने गूगल पर सर्च किया.जिसमें उसे पता चला कि फर्श धोने के लिए सल्फर हाइपोक्लोरिक एसिड का इस्तेमाल करने से फोरेंसिक जांच के दौरान DNA सैंपल नहीं मिलता है.आफताब ने उसी एसिड से बाथरूम की सफाई की.
शरीर के टुकड़ों को फ्रिजर में रखने के बाद खून से सने अपने और श्रद्धा के कपड़े उसने एमसीडी की कूड़ा उठाने वाली गाड़ी में डाल दिया ताकि कोई उसे चाहकर भी ढ़ूंढ़ ना पाए.
हत्या के बाद से हर रोज़ शाम 6- 07 बजे तक आफताब घर वापस आ जाता था और फिर फ्रिज में रखे शव के टुकड़ों को रात के अंधेरे में ठिकाने लगाने ले जाया करता था. पहले वो हर टुकड़े को एक काली पन्नी में पैक करता था और फिर नज़दीकी जंगल में ले जाकर पन्नी से निकालकर टुकड़ों को फेंकता था, जिससे यह समझना मुश्किल हो कि यहां टुकड़े फेंके गए हैं या किसी जानवर ने शिकार किया है.
और इस तरह छह महीने में उसने श्रद्धा की हत्या से जुड़ा हर सबूत मिटा दिया.

किसी को शक न हो और सब नॉर्मल लगे इसलिए आफताब ने हत्या के तुरंत बाद दूसरी लड़कियों को डेट करना शुरू कर दिया था. डेटिंग साइट पर लड़कियों को फंसा कर उन्हें घर बुलाता था और उनके साथ सम्बन्ध बनाता था .जिस वक्त वो दूसरी लड़की के साथ संबंध बना रहा होता था उस वक्त उसकी प्रेमिका की लाश फ्रिज में पड़ी होती थी.

फ्रिज से या घर से किसी तरह की बदबू ना आए इसके लिए आफताब घर में लगातार अगरबत्ती जलाए रखता था.
इस हत्याकांड का शायद कभी पता नहीं चलता क्योंकि श्रद्धा का कोई नहीं था जो उसके बारे में खोज खबर रखता. उसके परिवार वाले थे लेकिन उन्हें तो वो उस राक्षस के लिए छोड़ आई थी. लेकिन कहते हैं ना कि आप जो करते हैं वो जिंदगी भर आपका पीछा करता है.आपके कुकर्मों की सजा इसी जिंदगी में मिलती है.

इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब श्रद्धा के बचपन का दोस्त लक्ष्मण नाडर ने उसकी खोजबीन शुरू की. दरअसल श्रद्धा ने अपने बॉयफ्रेंड आफताब के बुरे व्यवहार के बारे में लक्ष्मण को भी बताया था. मगर, बाद में लक्ष्मण के मैसेज का जवाब देना बंद कर दिया. कई दिनों तक लक्ष्मण का संपर्क श्रद्धा से नहीं हो सका. तब उसे लगा कि कहीं कुछ तो गलत है. एक बार पहले भी श्रद्धा ने लक्ष्मण से अपनी हत्या कि आशंका जताई थी .उस वक्त लक्ष्मण ने आफताब से बात कर उसे समझाया था लेकिन फिर हत्या के बाद जब काफी वक्त से लक्ष्मण और उसके दोस्तों की श्रद्धा से बात नहीं हुई तब लक्ष्मण ने श्रद्धा के भाई को पूरी बात बताई और उनसे कहा कि वे पुलिस की मदद लें.

सारी बात समझते ही पालघर में रहने वाले उसके परिजनों ने दिल्ली के मेहरौली थाने में पहुँचकर श्रद्धा की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई और पुलिस को बताया कि 6 महीने पहले उसका प्रेमी आफताब उसे शादी का झांसा देकर दिल्ली लाया था. उसके बाद से श्रद्धा लापता है. इस शिकायत के आधार पर जब पुलिस ने आफताब का नंबर सर्विलांस पर लगाते हुए जांच शुरू की तब कहीं जाकर इस जघन्य हत्याकांड का पता चला.

मोबाइल सर्विलांस से आफताब का पता चला और दिल्ली पुलिस ने उसे धर दबोचा. पहले तो उसने पुलिस को भटकाने की बहुत कोशिश की. उसने कहा कि श्रद्धा उसके साथ ही रहती थी लेकिन कुछ दिन पहले ही वो उसे छोड़कर कहीं चली गई है. लेकिन पुलिस ने सख्ती दिखाई तो उसने अपना अपराध कबूल कर लिया.
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, आरोपी ने जिन इलाकों में शव के टुकड़ों को फेंकने की जानकारी दी है वहां से अब तक 13 टुकड़े बरामद किए गए हैं, लेकिन फॉरेंसिक जांच के बाद ही पुष्टि हो सकेगी कि क्या ये टुकड़े श्रद्धा के हैं या नहीं.
फिलहाल आफताब सलाखों के पीछे है और गिरफ्तारी के बाद से एक ही राग अलाप रहा है yes i killed her
लेकिन श्रद्धा के परिवार वाले उस दिन को कोस रहे हैं जब उनकी बेटी मासूम सी शक्ल वाले आफताब के झूठे प्यार में पड़ गई और अपनी जान गंवा बैठी.

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