पटना बिहार में नई नियमावली के तहत होने वाली शिक्षक भर्ती को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमवार को पटना हाईकोर्ट में सुनवाई हुई.कोर्ट ने याचिकाकर्ता की अपील को सुनते हुए बिहार सरकार को तीन सप्ताह के भीतर हलफनामें के साथ अपना जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने सरकार को इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा है.
बहाली प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग
याचिका कर्ता ने अपनी याचिका में अनुरोध किया था कि फिलहाल शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी जाये. इस पर कोर्ट ने कहा कि फिलहाल प्रक्रिया पर रोक लगाने की जरुरत नहीं है. जब जरुरत होगी तब विचार किया जायेगा.
दो जजों की बेंच ने की सुनवाई
पटना हाइकोर्ट के मुख्य न्यायधीश विनोद चंद्रण और न्यायमूर्ति पार्थसार्थी की अदालत में याचिकाकर्ता सुबोध कुमार की याचिका पर सुनवाई हुई. याचिकाकर्ता सुबोध कुमार के वकील अभिनव श्रीवास्तव ने अदालत को बताया कि राज्य में शिक्षको की बहाली के लिए नई नियमावली बनाई गई है, जिसके तहत BPSC ने राज्य में शिक्षकों की बहाली शुरु की है. नये नियम के मुताबिक 2006 से 2023 तक जिन शिक्षकों की नियुक्ति हुई है उन्हें भी नई प्रक्रिया से गुजरना होगा. यानी की उन शिक्षकों को फिर से परीक्षा देकर पास होकर आना होगा जो काम कर रहे हैं, तभी उन्हें सरकारी कर्मचारी होने का दर्जा मिलेगा जब वो परीक्षा पास करके आयेंगे .
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क्या है नई नियमावली ?
नई नियमावली के मुताबिक 2006 से जिन शिक्षको की नियुक्ति हुई है , उन्हें सरकारी सेवक होने का दर्जा तभी मिलेगा जब वो परीक्षा पास करके आयेंगे, जबकि ये लोग 2006 से स्कूलों में पढ़ा रहे हैं. याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि 2006 से जिन शिक्षकों की नियुक्ति हुई है उनकी योग्यता और कार्य नई नियमावली के समान ही है.
अब इस मामले में अगली सुनवाई बिहार सरकार के हलफनामे के बाद 29 अगस्त को होगी.