आज़म खान और उनके परिवार की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही है. आजम खान (Azam Khan) और उनके बेटे अब्दुल्ला खान को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. मुरादाबाद के स्पेशल एमपी/एमएलए कोर्ट ने उन्हें साल 2008 के एक मामले में दोषी करार देते हुए उन्हें और उनके बेटे को दो-दो साल की सजा सुनाई है. हालांकि बाद में कोर्ट ने दोनों को जमानत भी दे दी. कोर्ट ने 2008 छजलैट मामले में सज़ा सुनाई है इस मामले में आज़म खान (Azam Khan) और उनके बेटे के साथ सात और लोगों भी आरोपी थे. सभी सातों आरोपियों को कोर्ट ने निर्दोष माना है.
ये भी पढ़ें- Kanpur Dehat: अतिक्रमण हटाने के दौरान मां-बेटी की जलकर मौत, एसडीएम, थाना प्रभारी, लेखपाल के खिलाफ केस दर्ज
अब बेटे अब्दुल्ला की विधानसभा सदस्यता होगी रद्द
मुरादाबाद के स्पेशल एमपी/एमएलए कोर्ट के फैसले के बाद आज़म खान (Azam Khan) के बेटे अब्दुल्ला आज़म की विधानसभा सदस्यता भी खतरे में पड़ गई है. आपको बता दें पिछले साल आज़म खान को हेट स्पीच केस में तीन साल की सजा होने के बाद विधायक की सदस्यता गवानी पड़ी थी. साथ ही रामपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव में हार का मुंह भी देखना पड़ा था. अब बेटे को 2 साल की सज़ा होने पर स्वार विधानसभा सीट भी खतरे में पड़ गई है. कानून के मुताबिक दो साल या इससे ज्यादा की सजा होने पर, विधायक या सांसद की सदस्यता रद्द की जा सकती है.
किस मामले में सुनाई गई सज़ा
दरअसल मामला 29 जनवरी 2008 का है जब छजलैट पुलिस ने एसपी के पूर्व मंत्री आजम खान (Azam Khan) की कार को चेकिंग के लिए रोका था. इस बात से नाराज़ एसपी नेता आजम खान सड़क पर बैठ गए थे. पुलिस ने तब आजम खान और उनके साथियों पर सड़क जाम करने और सरकारी कार्य में बाधा डालने, भीड़ को उकसाने के आरोप लगे मामला दर्ज किया था.
साल 2008 के इसी मामले की मुरादाबाद के स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट में हुई. इस मामले में आजम खान (Azam Khan) और अब्दुल्लाह खान को तो 2-2 साल की सज़ा सुनाई गई. लेकिन बाकी लोगों को निर्दोष करार दिया है.
बता दें कि इस केस में अमरोहा के एसपी विधायक महबूब अली, पूर्व एसपी विधायक हाजी इकराम कुरैशी (अब कांग्रेस में), बिजनौर के एसपी नेता मनोज पारस, एसपी नेता डीपी यादव, एसपी नेता राजेश यादव और एसपी नेता रामकुंवर प्रजापति आरोपी थे.