फरवरी में होने वाला उत्तर प्रदेश का ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (Global investors summit) पहले ही सफल होता नज़र आ रहा है. समिट के एक महीने पहले ही सरकार को करीब-करीब 15 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए है लेकिन इससे भी बड़ी बात ये है कि सरकार ने इनमें से करीब 10 लाख करोड़ रुपए के एमओयू 10 जनवरी 2023 तक साइन भी कर लिए हैं.
ये भी पढ़ें- Cracks in houses: जमीन धंसने से बागपत और अलीगढ़ के घरों में आई दरारें, लोगों में दहशत
आपको बता दें ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (Global investors summit) को विदेशों में मिले बेहतरीन रिस्पॉन्स के बाद इसके लक्ष्य को 10 लाख करोड़ से बढ़ाकर 17 लाख करोड़ रुपए कर दिया गया था. ये हाल तब है जब अभी देश के कई शहरों और प्रदेशों में समिट के लिए रोड शो और इन्वेस्टर्स समिट होना बाकी है. जिसे देखते हुए ऐसा माना जा रहा है कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (Global investors summit) के लिए तय किया गया संशोधित 17 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य भी सरकार प्राप्त कर इतिहास रचेगी.
आपको बता दें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अगले 5 सालों में यूपी को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का संकल्प लिया है. सीएम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा के अनुरूप प्रदेश को देश का ग्रोथ इंजन बनाने के इरादे से ही इस ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (Global investors summit) का आयोजन किया है.
एडिशनल सोर्सेज ऑफ एनर्जी और यूपीसीडा में आया लक्ष्य से ज्यादा निवेश
सरकार ने बताया कि 10 जनवरी तक उसने 9.10 लाख करोड़ रुपए के एमओयू साइन कर लिए हैं. इन एमओयू में प्रदेश के दो विभाग, एडिशनल सोर्सेज ऑफ एनर्जी और यूपीसीडा का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. एडिशनल सोर्सेज ऑफ एनर्जी डिपार्टमेंट ने अपने लक्ष्य से तीन गुना अधिक 1.73 लाख करोड़ से अधिक के एमओयू साइन किए हैं. जबकि यूपीसीडा को एक लाख करोड़ रुपए का संशोधित लक्ष्य दिया गया था और उसने अपने लक्ष्य से ज्यादा के एमओयू साइन करने में सफलता प्राप्त की है.
37 सेक्टर्स को किया गया था निवेश के लिए चिन्हित
सरकार की ओर से कुल 37 सेक्टर्स को निवेश के लिए चिन्हित किया गया था. इनमें 23 सेक्टर्स में एमओयू साइन किए जा चुके हैं. 10 जनवरी तक पर्यटन विभाग ने 38 हजार करोड़ से ज्यादा के एमओयू साइन कर लिए हैं. उन्हें 40 हजार करोड़ का लक्ष्य दिया गया था. इसी तरह ऊर्जा विभाग ने एक लाख करोड़ के संशोधित लक्ष्य के सापेक्ष 75 हजार करोड़ से अधिक के एमओयू किए हैं. वहीं आईटी एंड इलेक्ट्रॉनिक्स डिपार्टमेंट को सबसे ज्यादा 1.60 लाख करोड़ का लक्ष्य दिया गया था, जिसके लिए उसने अब तक 97 हजार करोड़ से एमओयू पर सहमति प्राप्त कर ली है.
यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यीडा) ने 80 हजार करोड़ के संशोधित लक्ष्य की तुलना में 57 हजार करोड़ से अधिक के निवेश एमओयू हासिल किए हैं. एमएसएमई ने 55 हजार करोड़ और हैंडलूम व टेक्सटाइल ने भी करीब 27 हजार करोड़ के एमओयू हासिल किए हैं. आईआईडीडी ने भी 53 हजार करोड़ के एमओयू प्राप्त किए हैं.