Monday, December 23, 2024

Nitish Kumar ने कब कब बदला पाला, जानिये 1994 से अब तक का इतिहास

ब्यूरो रिपोर्ट, पटना : बिहार की राजनीति पिछले तीन दशक से अधिक समय से नीतीश कुमार Nitish Kumar और लालू यादव के इर्द गिर्द घूमती रही है. दोनों ही नेताओं की 1974 के बिहार छात्र आंदोलन के दौरान राजनीति में एंट्री हो चुकी थी. लालू प्रसाद 1977 में ही सांसद बन गए थे लेकिन नीतीश कुमार को विधायक बनने के लिए भी लंबा इंतजार करना पड़ा था और वह 1985 में पहली बार विधायक बने थे.

Nitish Kumar की बिहार की राजनीति में अच्छी पकड़ रही

नीतीश कुमार की बिहार की राजनीति में अच्छी पकड़ रही. ऐसा माना जाता है कि 1990 में जब लालू प्रसाद पहली बार सीएम बने थे, उस दौरान नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद को सीएम बनने में मदद की थी. बाद के दिनों में दोनों के रिश्ते बनते बिगड़ते रहे.कई दफा दोनों नेता एक दूसरे को अपना भाई भी बता चुके हैं. नीतीश कुमार की मदद से लालू प्रसाद ने रामसुंदर दास को पछाड़कर पहली बार 1990 में मुख्यमंत्री का पद हासिल किया था,बाद के दिनों में दोनों के रिश्ते खराब होते चले गए. नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए पटना के गांधी मैदान में कुर्मी अधिकार रैली का आयोजन 1994 में किया था और उसके कुछ दिनों के बाद वह तत्कालीन जनता दल से अलग हो गए थे.

1994 में नीतीश कुमार ने समता पार्टी का गठन किया

1994 में ही नीतीश कुमार ने समाजवादी नेता जार्ज फर्नांडीस,लल्लन सिंह के साथ मिलकर समता पार्टी का गठन किया था.1995 के चुनाव में उन्होंने वाम दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें अच्छी सफलता नहीं मिली. इसके बाद उन्होंने CPI गठबंधन तोड़कर NDA से हाथ मिला लिया था.1996 के लोकसभा चुनाव से कुछ पहले नीतीश एनडीए का हिस्सा बन गए और भाजपा के साथ उनका यह रिश्ता 2010 के विधानसभा चुनाव तक चलता रहा. इस चुनाव में एनडीए को बड़ी जीत मिली थी.2015 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सीएम बने.  विधानसभा चुनाव में इस गठबंधन को बड़ी सफलता मिली.

2020 में नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा

2020 में बिहार में विधानसभा चुनाव हुए. नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा और जीते भी.  चुनाव में उनकी पार्टी जदयू को मात्र 43 सींटें हासिल हुई. बीजेपी को 74 और राजद को 75 सींटें मिली लेकिन सीएम का ताज नीतीश कुमार के सिर पर सजा. दो साल बाद 2022 में नीतीश कुमार ने एक बार फिर पलटी मारी.अब उन्हें बीजेपी से दिक्कत होने लगी. तमाम कारण बताते हुए उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया और बीजेपी का साथ छोड़ दिया. इसके 1 घंटे के अंदर उन्होंने राजद, कांग्रेस और लेफ्ट के साथ मिलकर सरकार बना ली.तेजस्वी को डिप्टी सीएम बनाया गया.

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