1 नवंबर बुधवार को करवा चौथ का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है. इसे कराका चतुर्थी या करवा चौथ के रूप में भी जाना जाता है, हिंदू कैलेंडर आम तौर पर तय करता है कि यह त्योहार कार्तिक महीने में पूर्णिमा के बाद चौथे दिन पड़ता है. विवाहित हिंदू महिलाएं भोर से लेकर चंद्रोदय तक दिन भर का कठिन व्रत रखती हैं और अपने पतियों की लंबी उम्र की कामना करती हैं. इस अवधि के दौरान वे न तो पानी पीते हैं और न ही कुछ खाते हैं. महिलाएं चंद्रमा से प्रार्थना करती हैं, करवा माता, मां पार्वती, भगवान शिव, भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय की पूजा करती हैं. नए पारंपरिक लाल रंग के कपड़े पहनती हैं, सोलह श्रृंगार करती हैं, अपने हाथों पर मेहंदी लगाती हैं.
उत्तर प्रदेश में दिखा करवा चौथ का उत्साह
शाम से ही उत्तर प्रदेश के अलग-अलग शहरों से महिलाओं के पूजा पाठ और साज सिंगार की तस्वीरें आने लगी. लखनऊ में भी महिलाओं ने करवा चौथ पर पूजा अर्चना की.
#WATCH | Women perform the rituals of Karva Chauth as they celebrate the festival in Lucknow, Uttar Pradesh. pic.twitter.com/Xvb8zJTqGo
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 1, 2023
वहीं उत्तर प्रदेश के वाराणसी में भी महिलाएं करवा चौथ का त्योहार मनाती नज़र आई.
#WATCH | Women perform the rituals of Karva Chauth as they celebrate the festival in Varanasi, Uttar Pradesh. pic.twitter.com/mn0f6zaRxb
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 1, 2023
इसी तरह गोरखपुर में भी करवा चौथ के अवसर पर महिलाओं ने पूजा-अर्चना की.
#WATCH उत्तर प्रदेश: करवा चौथ के अवसर पर महिलाओं ने गोरखपुर में पूजा-अर्चना की। #KarwaChauth2023 pic.twitter.com/D1BIxx196X
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 1, 2023
सरगी खाने से शुरू होता है व्रत
करवा चौथ का व्रत शादी से पहले सरगी नामक भोजन से शुरू होता है, जो विवाहित महिलाएं अपनी सास से प्राप्त करती हैं. इसका सेवन सूर्योदय से पहले किया जाता है, जिसके बाद 12-15 घंटे का उपवास शुरू हो जाता है. एक आदर्श सरगी एक थाली होती है जिसमें दुल्हन के लिए जरूरी चीजें, देवी-देवताओं की मूर्तियां, मिठाइयां और नमकीन होती हैं और इसमें सूखे मेवे, नारियल, सेंवई और फल भी शामिल होने चाहिए.
उत्तर भारतीय त्यौहार है करवा चौथ
वैसे करवा चौथ एक उत्तर भारतीय त्यौहार लेकिन बॉलीवुड की बदौलत अब ये पूरे देश में उत्साह के साथ मनाया जाता है. लेकिन असल में ये उत्तर भारतीय राज्यों जैसे दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, जम्मू, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में ज्यादा धूम धाम से मनाया जाता है
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