उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government) ने जेल में बंद उन कैदियों को हिरा करने का मन बना लिया है जिनका अच्छा आचरण है और जिनपर छोटे-मोटे अपराध के मुकदमें हैं. इसके साथ ही यूपी सरकार (UP Government) बुजुर्ग कैदियों को भी रिहा करने जा रही है.
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सात साल की सज़ा पाए कैदी होंगे रिहा
रिहा किए जाने की चयन प्रक्रिया में उन कैदियों को शामिल किया जाएगा जिन्हें सात साल से कम की सजा सुनाई गई है. ऐसे कैदी जिन्होंने अपनी सजा को कबूल किया और दया की गुहार लगाई हुई थी. इसके अलावा इस प्रक्रिया में उन कैदियों को भी शामिल किया जाएगा जिनसे पिछले 12 महीनों में कोई मुलाकात करने नहीं आया और जिनके बारे में समझ है कि उनके परिवार ने उन्हें छोड़ दिया है.
सभी जेलों से मांगी गई कैदियों की सूची
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार जेल विभाग ने प्रदेश की 62 जेलों और बंदी नारी निकेतनों से उनके यहां बंद विचाराधीन कैदियों की सूची मांगी है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार (UP Government) के इस कदम से जेलें में बंद विचाराधीन कैदियों की संख्या में बहुत कमी आएगी.
व्यवसाय प्रशिक्षित कैदियों का होगा पुनर्वास
इसके साथ ही सरकार (UP Government) ने जेल विभाग से उनकी जेल में बंद सात साल से कम सजा पाने वाले कैदियों की सूची बना के देने के लिए कहा साथ ही कैदियों के बारे में सुझाव देने को भी कहा है. सरकार ने जेल अधीक्षकों से ऐसे बंदियों की सूची बनाने भी कहा है जो व्यवसाय प्रशिक्षित हैं. जिससे इन कैदियों के पुनर्वास में सरकार को मदद मिल सके.
जेल अधिकारियों का भी मानना है कि जेलों में बंद सभी कैदी पेशेवर अपराधी नहीं हैं. इसलिए उनके साथ मानवतापूर्ण व्यवहार करना ज़रुरी है.