एमबीसी वर्ग की जातियां को एकजुट करने के लिए कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की अस्थियों को पुष्कर सरोवर में विसर्जित करने से पहले मेला मैदान में आयोजित किया गया सामाजिक महाकुंभ राजनैतिक अखाड़ा बन गया. जनसभा में आई भीड़ ने समारोह को एक अलग ही रूप दे दिया. भीड़ ने सरकार के मंत्रियों के संबोधन के दौरान भारी विरोध किया और जूते चप्पलों की बरसात कर दी.
दरअसल गुर्जर नेता कर्नल बैंसला को अंतिम विदाई देने के लिए उनके बेटे विजय बैंसला ने प्रदेश में अस्थि कलश यात्रा निकाली जो आज कर्नल बैंसला की जयंती के मौके पर पुष्कर सरोवर में विसर्जित की गई. इससे पहले एमबीसी वर्ग में आने वाली सभी जातियों का एक महाकुंभ मेला मैदान में आयोजित किया गया. पूरे आयोजन को सामाजिक आयोजन बताने वाले आयोजको के होश तब उड़े जब देवस्थान मंत्री शकुंतला रावत मंच पर संबोधन के लिए पहुंची. लोगो ने शकुंतला रावत का भारी विरोध किया. सिर्फ इतना ही नहीं, खेल मंत्री अशोक चांदना जब सम्बोधन के लिए मंच पर पहुँचे तो गुस्साए लोगो ने जूते चप्पल फेंके. दोनो ही मंत्रियो ने मंच से इसका विरोध भी किया और कार्यक्रम को राजनैतिक अखाड़ा बनाने का आरोप लगाया. हालांकि शकुंतला रावत ने कर्नल बैंसला को श्रद्धांजलि देते हुए उनके नाम से गर्ल्स कॉलेज खोलने की घोषणा की.
कार्यक्रम में शामिल होने आए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कर्नल बैंसला को श्रद्धांजलि देते हुए कहा की समाज की प्रगति के लिए उनके योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता. उन्होंने कर्नल बैंसला को ऐसा सामाजिक क्रांति का अग्रदूत बताया. जिसने समाज में शिक्षा के प्रचार और कुरीतियों के विरोध में काफी काम किया. वही बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने सरकार के मंत्रियों के विरोध पर चुटकी लेते हुए कहा की समाज की भावनाओं से सब वाकिफ है और सत्ता और विपक्ष इसको देख और समझ भी रहा है.
कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया सहित आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत, आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ भी मौजूद रहे. भारी अव्यवस्थाओं के बीच हुए आयोजन में कई बार पुलिस और लोगो के बीच भी तीखी झड़प भी देखने को मिली. पूरे कार्यक्रम के दौरान सभा में आए युवा सचिन पायलट जिंदाबाद के नारे लगाते रहे, जिसके चलते मंच के नीचे बैठे दोनो ही दलों के लोग कई बार असहज नज़र आये .