लक्षद्वीप के एनसीपी सांसद मोहम्मद फैजल की लोकसभा सदस्यता बहाल कर दी गई है. केरल हाई कोर्ट ने उनकी सजा पर 25 जनवरी को ही रोक लगा दी थी. जिसके दो महीने के बाद वो सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे. बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में उनकी सुनवाई होनी थी. लेकिन इससे पहले की सुनवाई होती लोकसभा सचिवालय ने नोटिफिकेशन जारी कर उनकी सदस्यता बहाल कर दी. जिसके बाद मोहम्मद फैजल सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहे है और लोग ट्वीट कर रहे है कि इसी तरह राहुल भी अगर कोर्ट जाकर अपनी सजा पर रोक लगवा लें तो उनकी भी सदस्यता बहाल कर दी जाएगी.

इस ज्वाइंट सेशन में लक्षद्वीप की जनता की बात नहीं उठा सका- मोहम्मद फैजल
वहीं समाचार चैनल NDTV से बात करते हुए मोहम्मद फैज़ल ने कहा कि , “पहले मैं शुक्रिया अदा करना चाहूंगा. भले ही मेरे आर्डर आने के 2 महीने बाद तक इसे लटकाए रखा गया. लोकसभा महासचिव और स्पीकर को भी मैं धन्यवाद देना चाहूंगा. एक बात जाहिर है कि मेरी कनविक्शन 25 जनवरी से खत्म हो गई है. फिर सवाल यह है कि इसमें इतनी देरी क्यों की गई? जो मेरे सेशन लैप्स हुए हैं, उसको कैसे वापस करेंगे? सारी चीजों पर अभी तक किसी ने कोई जवाब नहीं दिया है. मुझे इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में जाना पड़ा. सुप्रीम कोर्ट से अगर इनके पास नोटिस आता तो इनके पास कोई जवाब नहीं था. अगर उनके पास कोई जवाब होता तो मुझे लिखकर दे सकते थे. इसे लंबित रखने का कोई कारण नहीं बनता था. इस ज्वाइंट सेशन में लक्षद्वीप की जनता की बात नहीं उठा सका. यह फैसला देर से हुआ, लेकिन खुश हूं. दूसरे किसी के साथ ऐसा नहीं होना चाहिए.”
क्या है पूरा मामला
तो आपको बता दें एनसीपी से लक्षद्वीप से सांसद मोहम्मद फैज़ल को हत्या के प्रयास के एक मामले में 10 साल की सजा सुनाई गई थी. जिसके लोकसभा ने उन्हें अयोग्य करार दे उनकी सदस्यता रद्द कर दी थी. फैज़ल ने इस मामले को केरल हाईकोर्ट में चुनौती दी और 25 जनवरी 2023 को केरल हाईकोर्ट ने उनकी दोषसिद्धि (conviction) पर रोक लगा दी थी.
इसके बाद कानूनी तौर पर लोकसभा सचिवालय को उनकी अयोग्यता का फैसला वापस ले लेना चाहिए था. लेकिन जब दो महीने तक लोकसभा सचिवालय उनके मामले में कोई जवाब नहीं दे रहा था को फैज़ल ने सुप्रीम कोर्ट में अयोग्यता को चुनौती देने का फैसला किया. आपको बता दें, निचली अदालत में आपराधिक मामले में दोषी साबित होने और 10 साल की सजा सुनाए जाने के बाद 13 जनवरी को लोकसभा महासचिव ने मोहम्मद फैजल को अयोग्य घोषित करते हुए उनकी लोकसभा सदस्यता रद्द करने की एक अधिसूचना जारी की थी.