उदयपुर
आज राजस्थान के उदयपुर से आई एक खबर ने हिला कर रख दिया है. एक ही परिवार से 6 लोग अपने ही घर में मृत पाये गये. उदयपुर के गोसुंदा गांव में एक ही घर से 6 लोगों की लाश मिली है.आज सुबह पुलिस को सूचना मिली कि एक घर में सभी लोग मृत पाये गये हैं. पुलिस जब मौके पर पहुंच तो मंजर दर्दनाक था. कच्चे पक्के मकान के एक कमरे में मां की गोद में एक दूधहमुंहा मासूम बच्चा मृत पड़ा था. तीन बच्चे का शव फंदे पर लटका हुआ था और घर का मालिक बगल में मृत पड़ा था. मृतकों की पहचान गांव के ही प्रकाश(उम्र 40 साल) और पत्नी दुर्गा(35 साल) और उसके चार बच्चे गणेश(5साल), पुष्कर(4 साल) रौशन(2साल) और गोद का बच्चा तो दुधमुंहा था.
बताया जा रहा है कि परिवार आर्थिक संकट से गुजर रहा था. घर का मुखिया प्रकाश तीन महीने पहले ही सूरत से वापस लौटा था और काफी समय से बीमार था, इसलिए वापस काम पर नहीं लौट पाया था. पुलिस को शक है कि आर्थिक तंगी से परेशान प्रकाश ने अपने पूरे परिवार के साथ आत्महत्या कर ली.
इस मामले में खास बात ये है कि प्रकाश का भाई भी उसके घर के सामने ही रहता है. सुबह जब 8 बजे तक घर का दरवाजा नहीं खुला तो भाई ने ही घर के अंदर झांक कर देखा और सभी लोग मृत हालत में दिखाई दिये. भाई ने ही पुलिस को सूचना दी .
पुलिस पहली नजर में इसे आत्महत्या मान कर जांच कर रही है.हलांकि हत्या के एंगल से भी पूछताछ जारी है
इस तरह की मौत की खबर से कई सवाल खड़े हो रहे हैं. एक तऱफ सरकार गरीबों को अनाज और जावनयापन के लिए मूलभूत सुविधाएं मुहैय्या करा रही है, फिर इन जैसे गरीबों के पास वो सुविधाएं क्यों नहीं पहुंच रही है. एक चालीस साल का व्यक्ति अपने छोटे छोट मासूम बच्चों की हत्या और आत्महत्या को लिए मजबूर हो जाये, इससे बड़ी क्या प्रशासन की कोई विफलता हो सकती है?
सरकार गरीबों के लिए मुफ्त भोजन, मुफ्त इलाज का दावा करती है, करोड़ों रुपये का बजट गरीबो के नाम पर खर्चा किया जा रहा है फिर प्रकाश और प्रकाश के जैसे गरीबी से जूझ रहे लोग आत्महत्या के लिए मजबूर क्यों हैं?