Friday, February 7, 2025

Manipur Violence: 5 दिन के लिए इंटरनेट बंद, 8 ज़िलों में कर्फ्यू, बॉक्सर मेरी कॉम ने की मणिपुर के लोगों से शांति की अपील

मणिपुर के कई जिलों में जनजातीय समूहों द्वारा रैलियां निकालने के बाद बिगड़ती कानून-व्यवस्था की स्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकार ने पांच दिनों के लिए मोबाइल इंटरनेट बंद कर दिया है. इसके साथ ही बड़ी सभाओं पर प्रतिबंध भी लगाया गया है. कई जिलों में रात का कर्फ्यू के साथ ही सेना और असम राइफल्स को स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तैनात किया गया है.
हालात को देखते हुए, गैर-आदिवासी बहुल इंफाल पश्चिम, काकचिंग, थौबल, जिरीबाम, और बिष्णुपुर जिलों और आदिवासी बहुल चुराचंदपुर, कांगपोकपी और तेंगनौपाल जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है.

मैरी कॉम ने की शांति बनाए रखने की अपील

मणिपुर हिंसा पर बॉक्सर और पूर्व राज्यसभा सांसद मैरी कॉम ने शांति की अपील की है. उन्होंने कहा, “अभी स्थिति बहुत बुरी है और मैं अच्छा महसूस नहीं कर रही हूं. मैं राज्य और केंद्र सरकार से स्थिति के लिए कदम उठाने और राज्य में शांति और सुरक्षा बनाए रखने की अपील करती हूं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस हिंसा में कुछ लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों को खो दिया.”

इसके साथा ही मैरी कॉम ने एक और ट्वीट कर कहा है कि , “मेरा राज्य मणिपुर जल रहा है, कृपया मदद करें @नरेंद्र मोदी, @PMOIndia,@AmitShah, @राजनाथसिंह”

ये घटनाएं हमारे समाज के दो वर्गों के बीच प्रचलित गलतफहमी का परिणाम-मुख्यमंत्री

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने राज्य में स्थिति का ब्यौरा देते हुए कहा कि, “24 घंटे के बाद से कुछ जगहों पर झड़प और तोड़-फोड़ की घटनाएं सामने आई हैं. ये घटनाएं हमारे समाज के दो वर्गों के बीच प्रचलित गलतफहमी का परिणाम हैं. राज्य सरकार स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सभी कदम उठा रही है.”

अमित शाह ने की मणिपुर के मुख्यमंत्री से बात

सूत्र के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह से बात की है और राज्य में स्थिति का जायजा लिया है. जहां जनजातीय समूहों द्वारा कई जिलों में रैलियां निकालने के बाद कानून व्यवस्था बाधित हुई है. RAF की कुछ कंपनियों को राज्य में भेजा गया है. हालांकि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त संख्या में सेना और अर्धसैनिक बल पहले से ही वहां तैनात हैं.

क्यों फैल रही है हिंसा

आपको बता दें मणिपुर में हिंसा की दो वजह बताई जा रही है. पहली जंगल की रक्षा के लिए सीएम बीरेन सिंह के उठाए कदम जिसके चलते कहा जा रहा है कि उनको अवैध अप्रवासियों और ड्रग कार्टेलों के प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है.
दुसरा हाल में मणिपुर उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि मेइती लोगों को भी एसटी में जोड़ने पर विचार करे. जिससे प्रदेश के आदिवासी समुदाय से नाराजगी है जो खुद एसटी में आ हैं.

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