दिल्ली : पिछले तीन महीने से जातीय हिंसा की आग में जल रहे मणिपुर को लेकर केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने एक बेहद सनसनीखेज बयान दिया है. आरपीआई नेता रामदास आठवले ने कहा कि मणिपुर की हिंसा में म्यांमार से आये आतंकियों का हाथ है. बिहार के मुंगेर पहुंचे केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा कि म्यांमार से मणिपुर में घुसपैठ कर ऐसी स्थिति उत्पन्न करवाई जा रही है. आठवले ने केंद्र सरकार की तरफ से मोर्चा संभालते हुए मीडिया से कहा कि सरकार मणिपुर पर पैनी नजर बनाए हुए है. हम इस मामले में बात करने के लिए तैयार हैं लेकिन विपक्ष प्रधानमंत्री को बुलाने की जिद करके संसद का समय बर्बाद कर रहा है.
बिहार के मुंगेर में एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मणिपुर की हिंसा को रोकने के लिए राज्य सरकार भी लगातार प्रयास कर रही है. मणिपुर में अलग-अलग जगहों पर आंदोलन हो रहे हैं. महिलाओं के साथ हुई घटना मानवता को कलंक लगाने वाली घटना है. ऐसी घटनाएं देश में नहीं होनी चाहिए.
आठवले ने कहा कि राज्य हो या केंद्र सरकार लगातार इस घटना पर नजर बनाए हुए है. प्रधानमंत्री ने भी इस घटना पर दुख जताया है. मणिपुर हाईकोर्ट फैसले के बाद से हिंसा भड़की है, जो लगातार 3 महीने से चल रही है. हम लोग दोनों ही समाज से अपील कर रहे हैं कि वो एक बार बैठकर आपसी सहमति से हल निकालें. आठवले ने कहा कि सरकार दोनों ही समुदायों के साथ खड़ी है.
आठवले ने अपनी बात को आगे बढाते हुए कहा कि विपक्ष इस मामले को लेकर लगातार हाउस (संसद) में प्रोटेस्ट कर रहा है. मगर हम लोग चाहते हैं कि मणिपुर में जो भी घटनाएं हो रही हैं,उसपर विपक्ष हम लोगों से बातचीत करे और आगे क्या वैकल्पिक रास्ता निकाला जा सकता है, उसपर चर्चा करे. मगर विपक्ष ऐसा न करके प्रधानमंत्री को बुलाने की जिद पर अड़ा है.
केद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा कि हम लोगों ने कई बार कहा है कि गृहमंत्री अमित शाह विपक्ष के सवालों का जवाब देने को तैयार हैं लेकिन विपक्ष सिर्फ हाउस का समय बर्बाद कर रहा है. वहीं कटिहार की घटना पर उन्होंने कहा कि इस मामले की जानकारी नहीं है. अगर ऐसी घटनाएं हो रही हैं तो राज्य सरकार इसकी जांच करवाकर कार्रवाई करे.
दरअसल रामदास आठवले अक्सर अपने मजाकिया अंदाज और मसखरी के लिए जाने जाते हैं लेकिन इस बार उन्होंने ऐसे मामले पर बयान दे दिया है जो बेहद संवेदनशील है.आठवले का ये बयान राज्य और केंद्र सरकार दोनों के सुरक्षा तंत्र को चुनौती देने वाला है क्योंकि मणिपुर में बीजेपी की सरकार है और केंद्र में NDA की सरकार . इस तरह दोनो जगहों पर बीजेपी की सरकार होने के बावजूद राज्य में घुसपैठ अगर हो रही है तो इसे रोकने की जिम्मेदारी बॉर्डर पर गृहमंत्रालय की है वहीं राज्य के अंदर राज्य सरकार की . ऐसे में केंद्रीय मंत्री को ये जवाब देना चाहिये की वो इसके लिए किसे जिम्मेदार मानते हैं ? आठवले को इस बात का भी जवाब दना चाहिये कि डबल इंजन की सरकार होने के बावजूद घुसपैठ केसे संभव है, औऱ कोन लोग हैं जो घुसपैठ करा कर राज्य में हालात को बद से बदतर बना रहे हैं.