Saturday, March 15, 2025

बिलकिस बानो ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा, कहा “सजा महाराष्ट्र में मिली तो कानून भी वहीं का लागू हो”

बिलकिस बानो ने अपने दोषियों को रिहा करने के गुजरात सरकार के पैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है. बिलकिस बानो ने सुप्रीम कोर्ट में 13 मई के आदेश पर पुनर्विचार याचिका दायर की है. कोर्ट ने 13 मई के अपने आदेश में कहा था कि क्योंकि गैंग रेप के दषियों को 2008 में सजा हुई है इसलिए उनपर 1992 में बने नियम लागू होंगे. न कि 2014 में बने गुजरात के नए कड़े कानून. सुप्रीम कोर्ट ने इसी आधार पर गुजरात सरकार से इस मामले में कमेटी बना 11 दोषियों की रिहाई से जुड़ी याचिका की सुनवाई करने को कहा था. अब बिलकिस बानो ने अपनी याचिका में कहा है कि क्योंकि उनके मामले की सुनवाई महाराष्ट्र में हुई थी गुजरात में नहीं इसलिए उनके दोषियों की रिहाई को लेकर कानून महाराष्ट्र का ही लागू होगा.
बुधवार को याचिका पर विचार करते हुए चीफ जस्टिस ने कहा कि वह इस बात पर विचार करेंगे कि रिव्यू पेटिशन को उसी बेंच के सामने लगाया जाए या नहीं.

पहले सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी दायर की है जनहित याचिका
आपको बता दें इससे पहले 23 अगस्त को बिलकिस बानो के 11 दोषियों को रिहा करने के गुजरात सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. एक जनहित याचिका दायर कर सभी दोषियों की सजा पर फिर से विचार करने की गुहार लगाई गई है. इस याचिका को सामाजिक कार्यकर्ता सुभाषिनी अली, रेवती लाल, रूप रेखा वर्मा की ओर से कोर्ट में दायर किया गया है. मंगलवार को CJI की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच के समक्ष बिलकिस बानो मामला उठाया गया.

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

Latest news

Related news