दिल्ली : Baba Ramdev बाबा रामदेव की हरकतों को सुप्रीम कोर्ट अच्छे से समझ गया है. सुप्रीम कोर्ट को पता है कि बाबा रामदेव झूठ बोलने और भ्रम फैलाने में माहिर है इसलिए इस बार जब बाबा रामदेव ने कहा कि उन्होंने अपनी करतूतों के लिए साठ से भी ज्यादा अखबारों में माफीनामा छपवाया है तो कोर्ट को भरोसा नहीं हुआ. सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत पूछा कि जितना बड़ा विज्ञापन छपवाते थे अखबारों में उतना ही बड़ा माफीनामा छपवाया है क्या.
Baba Ramdev की चालाकी देखिए
हकीकत ये है कि माफीनामा छपवाने में भी बाबा रामदेव ने घोटाला कर दिया है. ये है पतंजलि का विज्ञापन. रंगीन,फुल पेज. जिसमें पतंजलि के लोगो लगे हैं. बाबा रामदेव और बालकृष्ण की तस्वीर लगी है. दूर से ही पता चल रहा है कि ये पतंजलि का विज्ञापन है. अब जरा अखबार में छपे माफीनामे को देखिए. इसमें ना तो पतंजलि का लोगो है. ना ही बाबा रामदेव और बालकृष्ण की तस्वीर. ये कहीं से भी पतंजलि कंपनी का विज्ञापन नहीं लग रहा है. मतलब ये कि जब जनता को बेवकूफ बनाना हो तो फ्रंट पेज पर फुल पेज का विज्ञापन और जब माफी मांगनी हो तो सबसे पिछले पेज पर एक छोटा सा माफीनामा जिस पर किसी का ध्यान भी ना जाए.
हकीकत ये है कि माफीनामा छपवाने में भी बाबा रामदेव ने घोटाला कर दिया है. ये है पतंजलि का विज्ञापन. रंगीन,फुल पेज. जिसमें पतंजलि के लोगो लगे हैं. बाबा रामदेव और बालकृष्ण की तस्वीर लगी है. दूर से ही पता चल रहा है कि ये पतंजलि का विज्ञापन है. अब जरा अखबार में छपे माफीनामे को देखिए. इसमें ना तो पतंजलि का लोगो है. ना ही बाबा रामदेव और बालकृष्ण की तस्वीर. ये कहीं से भी पतंजलि कंपनी का विज्ञापन नहीं लग रहा है. मतलब ये कि जब जनता को बेवकूफ बनाना हो तो फ्रंट पेज पर फुल पेज का विज्ञापन और जब माफी मांगनी हो तो सबसे पिछले पेज पर एक छोटा सा माफीनामा जिस पर किसी का ध्यान भी ना जाए.