Shivaji Maharaj Statue: बारिश और तेज़ हवाएं केंद्र सरकार के भारतीय संस्कृति और सभ्यता को पुन जीवित करने और उसकी भव्यता को बहाल करने की हर कोशिश को नाकाम करती नज़र आ रहे हैं. पहले उज्जैन के करोड़ों की लागत से बने महाकाल कॉरिडोर में बनी भगवानों की मूर्तियों को तेज आंधी ने जमीन से उखाड़ फिर राम लला का भव्य मंदिर, पहली ही बारिश में टपकने लगा और अब महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की एक साल पहले ही लगाई गई मूर्ति गिर गई है.
पीएम ने 4 दिसंबर 2023 को किया था मूर्ति का अनावरण
4 दिसंबर, 2023 को नौसेना दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंधुदुर्ग में 35 फीट ऊंची छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनावरण किया था. ये मूर्ति पीएम ने नौसेना की एर से सिंधुदुर्ग के लोगों को समर्पित की थी. लेकिन एक साल के अंदर ही इस मूर्ति का ये हाल हो गया.
वैसे ही मूर्ति का टूटना अच्छा शगुन नहीं माना जाता उसपर अगर विपक्ष के तंज और भ्रष्टाचार के आरोप सरकार के मान को तर-तार करने काफी है. इस बार भी ऐसा ही हुआ सोमवार को मूर्ति गिरने की खबर आई तो शिवसेना (यूबीटी) की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने पूछा कि प्रतिमा निर्माण के लिए ठेका देने में कितने करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार हुआ.
विपक्ष ने साधा सीएम शिंदे और पीएम मोदी पर निशाना
प्रियंका चतुर्वेदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर सवालों की एक सूची पोस्ट कर पूछा, “ठेकेदार कौन था? क्या यह सच है कि काम ठाणे के एक ठेकेदार को दिया गया था? ठेकेदार के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी? ठेकेदार ने ‘खोके सरकार’ को कितना ‘खोके’ दिया?”
वहीं ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने इस घटना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला. असदुद्दीन ओवैसी ने X पर पोस्ट किया, “@narendramodi द्वारा उद्घाटन की गई 35 फीट ऊंची शिवाजी प्रतिमा आज ढह गई. यह मोदी सरकार द्वारा बनाए गए बुनियादी ढांचे की खराब गुणवत्ता का प्रतिबिंब है. शिवाजी समानता और धर्मनिरपेक्षता के प्रतीक थे, उनकी प्रतिमा का गिरना @narendramodi की शिवाजी के दृष्टिकोण के प्रति प्रतिबद्धता की कमी का एक उदाहरण है.”
विपक्ष के हमलों पर प्रधानमंत्री तो हमेशा की तरह खमोश रहे लेकिन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मूर्ति गिरने की घटना को “दुर्भाग्यपूर्ण” बताया और कहा कि सरकार कारण का पता लगाएगी और मूर्ति को उसी स्थान पर फिर से स्थापित करेगी.
भारी बारिश और तेज़ हवाओं के कारण गिरा Shivaji Maharaj Statue- प्रशासन
वहीं सिंधुदुर्ग पुलिस और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी स्थिति का जायजा लेने के लिए घटनास्थल पर पहुंचे और नुकसान की जांच शुरु की. उन्होंने कहा मूर्ति ढहने का सही कारण अभी पता नहीं चल पाया है, लेकिन प्रारंभिक रिपोर्ट से पता चलता है कि यह शहर में पिछले दो दिनों में भारी बारिश और तेज़ हवाओं के कारण हुआ.
सिंधुदुर्ग पुलिस ने ठेकेदार जयदीप आप्टे और स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट चेतन पाटिल के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 109, 110, 125, 318 और 3(5) के तहत एफआईआर भी दर्ज कर ली है.
भारतीय नौसेना ने भी महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने की घटना पर “गहरी चिंता” व्यक्त की है. और इस दुर्घटना के कारण का पता लगाने और मरम्मत कार्य शुरू करने के लिए एक टीम भी तैनात की है.
क्या देश से हिंदुस्तान और इंडिया निकाले से कमजोर हो गया भारत
यानी हर बार की तरह इस बार भी जांच होगी और जांच पूरी होने तक लोग इस हादसे को भूल जाएंगे. लेकिन सवाल ये है कि, कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी,
सदियों रहा है दुश्मन दौर-ए-ज़माँ हमारा,
बोल सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा कह गर्व करने वाले देश से हिंदुस्तान और इंडिया हटा सिर्फ भारत में बदल की जो कोशिश हो रही उसमें, इंडिया, भारत और हिंदुस्तान की अनेकता में एकता की सिमेंट ही नहीं होगी तो मज़बूती आएगी कहा से….
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