Fadnavis oath ceremony: महाराष्ट्र के तीसरी बार मुख्यमंत्री बने फडणवीस, शिंदे और पवार ने ली उपमुख्यमंत्री पद की शपथ

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Fadnavis oath ceremony: गुरुवार को देवेंद्र फडणवीस ने मुंबई के आज़ाद मैदान में एक भव्य समारोह में तीसरी बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में यह फडणवीस का तीसरा कार्यकाल है. भाजपा नेता के साथ शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे और एनसीपी नेता अजित पवार ने भी महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली.

शीतकालीन सत्र से पहले बाकी मंत्री लेंगे शपथ- सुधीर मुनगंटीवार

यह पूछे जाने पर कि अन्य मंत्री कब शपथ लेंगे, भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा, “इस बात की पूरी संभावना है कि विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले मंत्रिपरिषद को शपथ दिला दी जाएगी, ताकि प्रशासनिक व्यवधान से बचा जा सके.”

23 नवंबर को आए नतीजों के 13 दिन बाद बनी सरकार

महायुति गठबंधन के भीतर दलों के बीच दो सप्ताह तक गहन बातचीत के बाद नई सरकार का गठन हुआ है, जिसने महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में जोरदार जीत हासिल की है.
सहयोगी शिवसेना और एनसीपी के साथ, भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन के पास 230 सीटों का बहुमत है. अकेले भाजपा ने 132 सीटें जीती हैं. बावजूद इसके मुख्यमंत्री कौन होगा इसको लेकर महायुति में काफी खींचतान देखने को मिली. पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जहां मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदारी छोड़ने तैयार नहीं थे वहीं शिंदे भी मानने को तैयार नहीं थे.

सितारों से सजा समारोह

शपथ ग्रहण समारोह में शाहरुख खान, माधुरी दीक्षित, सचिन तेंदुलकर और कुमार मंगलम बिड़ला जैसे हाई-प्रोफाइल मेहमानों सहित 42,000 से अधिक लोग शामिल हुए. मुंबई के आज़ाद मैदान में पीएम मोदी के अलावा कई केंद्रीय मंत्री, विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री मौजूद थे.
40,000 भाजपा समर्थकों के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी, जबकि धार्मिक नेताओं सहित 2,000 वीवीआईपी के लिए अलग से बैठने की जगह बनाई गई थी. सुरक्षा के लिए 4,000 से अधिक पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था.

फडणवीस का तीसरा कार्यकाल

दो बार मुख्यमंत्री रह चुके फडणवीस ने 2014 से 2019 तक भाजपा-शिवसेना सरकार का नेतृत्व किया. 2019 के चुनावों के बाद, जब उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने सीएम पद को लेकर भाजपा से नाता तोड़ लिया, तो फडणवीस ने फिर से शपथ ली और अजित पवार उनके डिप्टी बने. हालांकि, पवार द्वारा एनसीपी विधायकों से पर्याप्त समर्थन हासिल करने में विफल रहने के कारण यह सरकार केवल 72 घंटे ही चल पाई. शिवसेना में विभाजन के बाद, शिंदे के नेतृत्व वाली महायुति सरकार में फडणवीस डिप्टी सीएम बने.

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