Thursday, December 19, 2024

BSP chief Mayawati: पीएम मोदी के कोटा में कोटा लागू नहीं करने के फैसले से खुश मायावती, कहा- इसी सत्र में लाए संविधान संशोधन बिल

BSP chief Mayawati: बीएसपी सुप्रीमों मायावती ने प्रधानमंत्री के बीजेपी के SC/ST सांसदों को कोटा में कोटा मामले पर दिए आश्वासन पर खुशी जताई है. हलांकि मायावती ने कोर्ट में केंद्र सरकारों की दलीलों पर सवाल भी उठाए और मंग की कि SC/ST वर्ग में क्रीमी लेयर को लेकर दिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर केंद्र सरकार इसी सत्र में संविधान संशोधन बिल लाए.

BSP chief Mayawati ने पीएम मोदी के फैसले पर जताई खुशी

शुक्रवार को एक के बाद एक किए 3 एकेस पर लिखे तीन पोस्ट में मायावती ने पीएम के फैसले की तारीफ करने के साथ ही केंद्र के कोर्ट में रुख पर सवाल भी उठाए. मायावती ने अपने पहले पोस्ट में लिखा, “ माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा आज उनसे भेंट करने गए बीजेपी के SC/ST सांसदों को यह आश्वासन देना कि SC/ST वर्ग में क्रीमी लेयर को लागू नहीं करने तथा एससी-एसटी के आरक्षण में कोई उप-वर्गीकरण भी नहीं करने की उनकी माँगों पर ग़ौर किया जाएगा, यह उचित व ऐसा किए जाने पर इसका स्वागत.”

कोर्ट में केंद्र के रुख पर उठाए सवाल

बीएसपी सुप्रीमों ने कोटा में कोटा मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के रुख पर कहा, “किन्तु अच्छा होता कि माननीय सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के समक्ष बहस में केन्द्र सरकार की तरफ से एटार्नी जनरल द्वारा आरक्षण को लेकर एससी व एसटी में क्रीमी लेयर लागू करना तथा इनका उप-वर्गीकरण किये जाने के पक्ष में दलील नहीं रखी गयी होती, तो शायद यह निर्णय नहीं आता.”

इसी सत्र में लाए संविधान संशोधन बिल

इसके साथ ही पीएम से बड़ी मांग करते हुए बीएसपी सुप्रीमों ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट के 1 अगस्त 2024 के निर्णय को संविधान संशोधन के जरिए जब तक निष्प्रभावी नहीं किया जाता तब तक राज्य सरकारें अपनी राजनीति के तहत वहाँ इस निर्णय का इस्तेमाल करके SC/ST वर्ग का उप-वर्गीकरण व क्रीमी लेयर को लागू कर सकती हैं। अतः संविधान संशोधन बिल इसी सत्र में लाया जाए.”

बीजेपी SC/ST सांसद मिले थे प्रधानमंत्री से

आपको बता दें, शुक्रवार को संसद भवन में एससी/एसटी समुदाय के बीजेपी सांसदों ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की. सांसदों ने संयुक्त रूप से एसटी/एससी के लिए क्रीमी लेयर पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के संबंध में एक ज्ञापन सौंपा और मांग की कि इस फैसले को हमारे समाज में लागू नहीं किया जाना चाहिए. प्रधानमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि वे मामले की सावधानीपूर्वक समीक्षा करेंगे और इसे लागू नहीं किया जाएगा.

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