Thursday, October 17, 2024

एडहॉक कमेटी भंग, बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह को मिली WFI का कंट्रोल

बृजभूषण सरण सिंह को रेसलिंग फेडरेशन से हटाने की मांग को लेकर हुए महिला पहलवानों के आंदोलन और उनके नतीजे में विदेशों तक हुई आलोचना और दुनिया भर में इसको लेकर खराब हुई बीजेपी की छवि का नतीजा ये हुआ था कि बीजेपी को बृजभूषण को उनके पद से बरखास्त करना पड़ा. रेसलिंग फेडरेशन के चुनाव हुए और फिर बृजभूषण का करीबी संजय सिंह चुनाव जीत गया. फिर हंगामा हुआ और सरकार ने एक बार फिर संजय सिंह की ताकत पर अंकुश लगा दिया.

लेकिन अब फिर बृजभूषण और उसका करीबी संजय सिंह चर्चा में है. इस बार फिर साबित हुआ की बृजभूषण का दबदबा कायम है. संजय सिंह की जीत और उसपर पद का गलत उपयोग करने के आरोपों को लेकर 23 दिसंबर बनी भूपेंदर सिंह बाजवा की अध्यक्षता में बनी 3 सदस्यीय समिति ने मंगलवार को भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) का पूर्ण प्रभार संजय सिंह को वापस कर दिया.

भूपेंदर सिंह बाजवा समिति जो संजय सिंह के कानून का उल्लंघन कर कैंप करवाने के आरोपों की जांच कर रही थी उसने बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह पर लगे सभी आरोपों से उन्हें बरी कर दिया. समिति ने सभी आरोपों को खारिज करने के साथ ही भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) की कमान एक बार फिर संजय सिंह को सौंप दी.

दरअसल IOA ने WFI के निलंबन को हटा दिया है. साथ ही उसे पूर्ण प्रशासनिक नियंत्रण मिलने के बाद कुश्ती की एडहॉक कमेटी को भंग कर दिया. आईओए ने कहा कि राष्ट्रीय महासंघ के निलंबन रद्द होने के बाद इस समिति की कोई जरूरत नहीं है. एडहॉक कमेटी ने डब्ल्यूएफआई के सहयोग से अगले महीने के ओलंपिक क्वालीफाइंग टूर्नामेंट के लिए चयन ट्रायल का सफल आयोजन कर लिया है. ऐसे में बता दें कि बृजभूषण पर महिला एथलीटों के यौन उत्पीड़न का आरोप का एक बार फिर ठंड़े बस्ते में डाल दिया गया.

WFI प्रमुख संजय सिंह ने IOA को कहा शुक्रिया

WFI प्रमुख संजय सिंह ने चुनाव में जीत दर्ज करने वाली समिति को राष्ट्रिय महासंघ के संचालन का जिम्मा देने के लिए IOA का शुक्रिया किया और कहा की हम WFI का पूर्ण नियंत्रण देने के लिए आईओए का धन्यवाद व्यक्त किया. हम पहलवानों को सारी सुविधाएं देंगे. हम जल्दी ही राष्ट्रीय शिविर आयोजित करेंगे. अगर पहलवान विदेश में सीखने के लिए जायेंगे तो हम उन्हें सारी सुविधाएं देंगे. अब पूरा ध्यान सिर्फ ओलिंपिक पर है. हम उम्मीद कर रहे ही कि हमारे 5-6 पहलवान क्वालीफाई हो जाएंगे

IOA ने लगाया था संजय सिंह पर नियमों को तोड़ने का आरोप

संजय सिंह के नेतृत्व में नवनिर्वाचित WFI पर अपने नियमों को तोड़ने का आरोप लगा था. इसके बाद 23 दिसंबर को भूपेंदर सिंह बाजवा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय तदर्थ समिति का गठन किया था. समिति ने इस महीने की शुरुआत में अप्रैल में किर्गिस्तान में होने वाली एशियाई चैंपियनशिप और एशियाई ओलंपिक क्वालीफायर के लिए टीमों का चयन करने के लिए ट्रायल का आयोजन किया था. इस ट्रायल में विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया ने भी भाग लिया था. विनेश फोगाट ने 50 किग्रा वर्ग में ओलंपिक क्वालीफायर में जीत दर्ज करने में सफल रही, लेकिन बजरंग को हार का सामना करना पड़ा था.

ये भी पढ़ें: Pashupati Paras Resigns: एनडीए में टूट, हाजीपुर सीट नहीं मिलने से नाराज़ पशुपति…

ट्रायल के सफल समापन के बाद खेल की बागडोर डब्ल्यूएफआई को हाथों सौंप दी गई है. आईओए ने WFI को यौन उत्पीड़न और नियमों के पालन जैसे अन्य मुद्दों की चिंताओ को दूर करने के लिए सुरक्षा समिति अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश दिया. आईओए पत्र में कहा गया, ‘यूडब्ल्यूडब्ल्यू के निर्देश के मुताबिक यह जरूरी है कि डब्ल्यूएफआई दुर्व्यवहार और उत्पीड़न की चिंताओं को दूर करने और नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए जल्द स जल्द सुरक्षा समिति अधिकारी नियुक्त करे. WFI को स्थापित प्रक्रियाओं के अनुसार समयबद्ध तरीके से एथलीट आयोग के चुनाव कराने का भी निर्देश दिया गया है.

चुनाव जितना मेरे लिए कांटो का ताज था- संजय सिंह

संजय सिंह ने कहा कि जिस दिन मेने चुनाव जीते, आप जानते है कि वह मेरे सर पर कांटो का ताज था. रुकावटों के आने के बाद भी हमने हर चीज की कोशिश की जो कर सकते था. चाहे वह राष्ट्रीय चैंपियनशिप का आयोजन करना ही या दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक तदर्थ को अधिकारी और रेफरी प्रदान करना हो. मुझे यकीन है कि यह हमारे लिए संघर्ष का अंत होगा.

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

Latest news

Related news