22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले साधुओं और मंदिर ट्रस्ट के बीच विवाद बढ़ता ही जा रहा है. रामलला विराजमान के नाम से मुकदमा दायर कर मंदिर की लड़ाई लड़ने वाले निर्वाणी अखाड़े के महंत धर्मदास ने राम लला की मूर्ति को लेकर बड़ा एलान किया है.
निर्वाणी अखाड़े ने फिर कोर्ट जाने की दी धमकी
राम लला की तरफ से मुकदमा लड़ने वाले निर्वाणी अखाड़े के महंत धर्मदास ने एलान किया है कि अगर मंदिर के गर्भगृह में वो मूर्ति नहीं लगाई गई जिसके हक़ में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया था तो ये गैर कानूनी होगा और वो इसके खिलाफ फिर से मुकदमा दायर कर संघर्ष शुरु करेंगे. असल में राम मंदिर बाबरी मस्जिद मुकदमे में फैसला 70 साल से चली आ रही जिस रामलला नाम की मूर्ति के हक में आया है. निर्वाणी अखाड़े चाहता है कि उसी को गर्भगृह में रखा जाए.
रामलला विराजमान का क्या होगा?- शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती
सिर्फ निर्वाणी अखाड़ा ही नहीं ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भी श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को पत्र लिखाकर पूछा है कि अगर राम मंदिर परिसर में नई मूर्ति की स्थापना होगी, तो रामलला विराजमान का क्या होगा?
शंकराचार्य ने श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास जी को लिखे पत्र में कहा है कि “कल समाचार माध्यमों से पता चला है कि रामलला की मूर्ति किसी स्थान विशेष से राम मंदिर परिसर मे लाई गई है और उसी की प्राण प्रतिष्ठा निर्माणाधीन मंदिर के गर्भगृह में की जानी है. एक ट्रक भी दिखाया गया, जिसमें वह मूर्ति लाई जा रही बताई जा रही है. इससे यह अनुमान होता है कि नवनिर्मित श्रीराम मंदिर में किसी नवीन मूर्ति की स्थापनी की जाएगी, जबकि श्रीरामलला विराजमान तो पहले से ही परिसर में विराजमान हैं. यहां प्रश्न यह उत्पन्न होता है कि यदि नवीन मूर्ति की स्थापना की जाएगी तो श्रीरामलला विराजमान का क्या होगा? अभी तक राम भक्त यही समझते थे कि यह नया मंदिर श्रीरामलला विराजमान के लिए बनाया जा रहा है पर अब किसी नई मूर्ति के निर्माणाधीन मंदिर के गर्भगृह में प्रतिष्ठा के लिए लाए जाने पर आशंका प्रकट हो रही है कि कहीं इससे श्रीरामलला विराजमान की उपेक्षा ना हो जाए.”
राम लला विराजमान को लेकर क्यों उठ रहे हैं सवाल
निर्वाणी अखाड़े का ये बयान इसलिए आया है क्योंकि राम मंदिर ट्रस्ट ने भगवान राम की तीन नई प्रतिमाओं का निर्माण कराया है. उसमें से एक का चयन भी हो गया है. अब 22 जनवरी को उसकी प्राण प्रतिष्ठा का भव्य समारोह है. हालांकि ट्रस्ट की ओर से पहले ही यह स्पष्ट किया जा चुका है कि मौजूद रामलला विराजमान की मूर्ति को गर्भगृह में स्थान दिया जाएगा.
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