उत्तराखंड: उत्तरकाशी के सिल्कयारा सुरंग के राहत बचाव कार्य में अब भारतीय वायु सेना (आईएएफ) को भी लगाया गया है. भारतीय वायु सेना (आईएएफ) इंदौर से देहरादून तक लगभग 22 टन महत्वपूर्ण उपकरण पहुंचाने में मदद कर रही है. सेना के सी-17 परिवहन विमान की मदद से ये काम किया जा रहा है. इस बीच चौबीसों घंटे जारी राहत-बचाव अभियान के तहत बचावकर्मी सिल्कयारा सुरंग में 24 मीटर तक मलबा हटाने में कामयाब रहे हैं.
हलांकि शुक्रवार को दिल्ली से लाई गई दूसरी ऑगर मशीन भी शुक्रवार को खराब हो गई. जिसके बाद टनल में पाइप लाइन बिछाने का काम भी रूक गया है. बताया गया कि रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी ऑगर मशीन की बेयरिंग खराब हो गई है. जिसके कारण मशीन पाइप को अंदर धकेल नहीं कर पा रही है.
Tunnel Collapse में ड्रिलिंग के दौरान हुआ धमाका
पिछले 6 दिनों से कई घंटे चल रहा है रेस्क्यू ऑपरेशन के बावजूद अभी तक मजदूरों को निकालने में कोई कामयाबी मिलती नहीं दिख रही है. मजदूरों तक पहुंचने के लिए रेस्क्यू टीम ने अभी तक 25 मीटर तक की ड्रिलिंग की है. मजदूरों को टनल से बाहर निकालने का रास्ता बनाने के लिए ड्रिलिंग मशीन की मदद से 800 मिमी और 900 मिमी व्यास वाले पाइप डाले जाएंगे.
शुक्रवार को ड्रिलिंग करते हुए एक जोरदार धमाका भी हुआ जिसके बाद फिलहाल के लिए रेस्क्यू रोका गया था. मजदूरों को सलामती से बाहर निकलने के लिए 60 मीटर तक ड्रिलिंग जरूरी है. ड्रिलिंग के काम में लगी अमेरिकन हैवी ऑगर मशीन का इस्तेमाल किया जा रहा है. सुरंग के निर्माण कार्य में 700-800 से अधिक मजदूर दिन-रात जुटे थे. उम्मीद थी कि फरवरी 2024 तक सुरंग तैयार हो जाएगी. लेकिन भूस्खलन के बाद से 40 मजदूर सुरंग के अंदर फ़स गए. बताया जा रहा है कि वहां की मिट्टी बहुत सॉफ्ट है जिसकी वज़ह से यह हादसा हुआ. जेसीबी से मलबा हटाने का काम जारी है. टनल के अंदर उत्तराखंड, हिमाचल, बिहार, पश्चिम बंगाल, असम, झारखंड और ओडिशा के मजदूर फंसे हैं. मजदूरों के परिजनों की सुविधा के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है.
पीएम मोदी ने भी ली थी जानकारी
इस घटना की जानकारी के लिए देश के प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बातचीत की थी. सीएम धामी ने पीएम मोदी को बताया कि वह खुद मौके पर जाकर निरीक्षण और बचाव-कार्यों पर नजर रख रहे हैं. टनल में झारखंड के 15 मजदूर फसे हुए है. झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने भी घटना की जानकारी मिलने पर मदद के लिए डेलिगेशन भेजने का फैसला किया है.
आपको बता दें, उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल Tunnel Collapse के धंसने के बाद अंदर फंसे 40 मजदूरों को निकालने के लिए 6 दिन से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग की टीम रेस्क्यू कार्य में जुटी हुई है. टनल के अंदर 40 मजदूर फंसे हैं. बताया जा रहा है कि सिलक्यारा साइड से 179 मीटर आगे सुरंग का 65 मीटर हिस्सा टूटा है. ये हादसा 12 नवंबर यानी दीवाली वाले दिन हुआ था.
ये भी पढ़ें-Chhath Puja: दूसरा दिन खरना आज, नोट कर ले सूर्योदय और सूर्यास्त का समय