Friday, November 22, 2024

22 जनवरी को Protocol वाले मेहमानों के Ayodhya आने पर रोक,चंपत राय ने क्यों दिया ऐसा निर्देश?

 अयोध्या :  श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने 22 जनवरी को अय़ोध्या Ayodhya आने वाले मेहमानों से अपील की है कि ऐसे कोई भी व्यक्ति जिनके साथ संवैधानिक प्रोटोकॉल है, उनसे अनुरोध है कि वे ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के दिन अयोध्या Ayodhya न आएं. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने साफ तौर से कहा है कि अगर कोई मुख्यमंत्री, राज्यपाल, राजदूत या ऐसे राजनायिक जिनके साथ संवैधानिक प्रोटोकॉल का पालन करना अनिवार्य है, ऐसे लोगों की हम 22 जनवरी को देखभाल नहीं कर पाएंगे. यहां तक कि स्थानीय प्रशासन के लिए भी  ऐसे राजनयिकों के साथ प्रोटोकॉल का पालन करना मुश्किल हो जायेगा. इस लिए हम उनसे अनुरोध करते हैं कि वे ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के दिन न आएं.

Ayodhya में होगी SHRI RAM TEMPLE में  प्राण प्रतिष्ठा !

आपको बता दें कि हलांकि अभी तक आधिकारिक रूप से राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की तरफ से अयोध्या राम मंदिर में श्रीरामलला के बाल रुप की प्राण प्रतिष्ठा के लिए तारीख का ऐलान नहीं किया गया है लेकिन  प्रधानमंत्री कर्यालय की तरफ से अनौपचारिक रुप से 22 जनवरी की तारीख मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के लिए तय की गई थी. अब श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने 22 जनवरी के लिए जो अपील की है उससे ये साफ हो गया है कि 22 जनवरी को ही अय़ोध्या में श्रीराममंदिर के अंदर श्री रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी.

मंदिर में  प्राण प्रतिष्ठा पूजन में शामिल होंगे पीएम मोदी !

अब इस प्राणप्रतिष्ठा की पूजा में कौन कौन लोग सम्मिलित होंगे उसके बारे में आधिकारिक जानकारी आना बाकी है. हालांकि राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की तरफ से प्रधानमंत्री को आने के लिए न्यौता भेजा जा चुका है. अभी तक की जानकारी के मुताबिक सरकार इस प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम को भव्य तरीके से आयोजित करना चाहती है. देश विदेश से प्रतिनिधियों को बुलाने की योजना है.

जाहिर तौर पर विदेशों से आने वाले अतिथियों और बड़े मेहमानों के साथ प्रोटोकॉल का पालन करना अनिवार्य होगा.  तो अब ये साफ होना बाकी है कि रामलला  की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम सादे तरीके से केवल प्रधानमंत्री की मौजूदगी में होगी या अन्य मेहमान भी यहां आमंत्रित किये जायेंगे. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने  साफ तौर से कहा है कि किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री, राज्यपाल या राजदूत इस समारोह के लिए ना आयें. हम आपकी सेवा नहीं कर पायेंगे.

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