Kolkata: दक्षिण कोलकाता के एक लॉ कॉलेज परिसर में एक छात्रा के साथ कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार करने के आरोप में गुरुवार को तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया, “महिला की शिकायत के आधार पर तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पीड़िता के अनुसार, घटना 25 जून को हुई थी. मामले की जांच चल रही है.”
टीएमसी युवा शाखा का अध्यक्ष रहा है आरोपी
कॉलेज के एक पूर्व छात्र सहित आरोपियों को शुक्रवार को अदालत में पेश किया जाएगा.
मुख्य आरोपी मोनोजीत मिश्रा के सोशल मीडिया अकाउंट से पता चलता है कि वह कॉलेज में अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की युवा शाखा का पूर्व अध्यक्ष था. वर्तमान में वह कोलकाता के अलीपुर कोर्ट में एक आपराधिक वकील के रूप में काम करता है.
जहां मिश्रा मुख्य आरोपी है और उस पर महिला के साथ बलात्कार करने का आरोप है, वहीं दो अन्य लोग पहरा दे रहे थे और अपराध में उसकी मदद कर रहे थे. पुलिस ने कॉलेज के उस गार्ड रूम को सील कर दिया है, जहां कथित घटना 25 जून को शाम 7:30 बजे से 8:50 बजे के बीच हुई थी.
महिला के अनुसार मिश्रा ने उसे जबरन अपने कब्जे में ले लिया और गार्डरूम में ले गया, जहां मिश्रा ने उसके साथ बलात्कार किया. पुलिस ने तीनों आरोपियों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए हैं.
वरिष्ठ अधिकारी और फोरेंसिक विशेषज्ञ कॉलेज में उस कमरे से नमूने एकत्र करने पहुंचे हैं, जहां अपराध हुआ था.
इस राज्य में कुछ भी हो सकता है- शुभेंदु अधिकारी
इस बीच, पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने सत्तारूढ़ टीएमसी सरकार पर हमला करते हुए कहा, “इस राज्य में कुछ भी हो सकता है. पिछले साल आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या कर दी गई थी. राज्य में महिलाओं की कोई सुरक्षा नहीं है. मुख्यमंत्री अब इसे एक छोटी सी घटना कह रही हैं और पीड़िता को पैसे की पेशकश कर रही हैं. उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए.”
टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए टीएमसी प्रवक्ता जय प्रकाश मजूमदार ने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्ष के नेता एक सामाजिक बुराई को लेकर हमला कर रहे हैं. हम सभी को मिलकर इस सामाजिक बुराई से लड़ना चाहिए.”
यह घटना कोलकाता के ही आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक पोस्ट-ग्रेजुएट मेडिकल प्रशिक्षु के साथ क्रूरतापूर्वक बलात्कार और हत्या की घटना के एक साल से भी कम समय बाद हुई है. कोलकाता पुलिस के 33 वर्षीय नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय को इस मामले में दोषी ठहराया गया है और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है.
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