Monday, December 23, 2024

Wakf Act Amendment Bill : विपक्ष के विरोध के बाद संशोधन प्रस्ताव को संयुक्त संसदीय समिति को भेजने की सिफारिश

Wakf Act Amendment Bill : 1995 के वक्फ अधिनियम में संशोधन करने संबंधी विधेयक को गुरुवार को संदन मे पेश किये जाने और विपक्ष के विरोध के बाद आगे विचार विमर्श के लिए संयुक्त संसदीय समिति को भेजने की सिफारिश की गई है. इस बिल के सदन में पेश किया जाने के बाद विपक्ष ने जमकर विरोध किया. कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन ने प्रस्तावित कानून के वर्तमान स्वरूप का कड़ा विरोध किया.

वक्फ कानून संशोधन बिल का विरोध करते हुए ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि संसद के पास प्रस्तावित संशोधन करने का अधिकार नहीं है.

वहीं राष्ट्रीय जनता दल (राजद), समाजवादी पार्टी (सपा) और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) जैसी पार्टियों ने वक्फ प्रशासन में गैर-मुस्लिमों को शामिल करने सहित प्रस्तावित संशोधनों की आलोचना करते हुए कहा है कि ये धार्मिक अधिकारों का अतिक्रमण करना है.

विपक्ष के विरोध का जवाब देते हुए कानून मंत्री किरेण रिजीजू ने कहा है कि मसौदा कानून का उद्देश्य उन वक्फ संपत्तियों के प्रशासन में सुधार करना है, जिन्हें मुसलमान अपने जीवनकाल से परे धर्मार्थ गतिविधियों को जारी रखने के लिए धार्मिक या परोपकारी उद्देश्यों के लिए समर्पित करते हैं.

सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव ने दावा किया कि यह विधेयक सुनियोजित राजनीति का हिस्सा है. अखिलेश .दव ने कहा कि  “जब अन्य धार्मिक बोर्डों में गैर- धर्मों के लोग नहीं होते हैं, तो गैर-मुसलमानों को वक्फ बोर्डों में क्यों शामिल किया जाना चाहिए? वास्तविकता यह है कि भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) अपने कुछ कट्टरपंथी समर्थकों के लिए यह विधेयक लेकर आई है, जो निराश करने वाली है ”

वहीं कांग्रेस नेता के सी वेणुगोपाल ने विधेयक की आलोचना करते हुए कहा कि यह संविधान पर हमला है. वक्फ में संपत्ति दान से आती है. ये विधेयक संविधान के अनुच्छेद 26  (धार्मिक और धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए संस्थानों को बनाने और बनाए रखने के अधिकार की गारंटी) का उल्लंघन करता है. इस विधेयक में,प्रावधान डाला गया है कि गैर-मुस्लिम भी गवर्निंग काउंसिल के सदस्य हो सकते हैं. वेणुगोपाल ने इस प्रावधान को आस्था और धर्म की स्वतंत्रता पर हमला बताया. वेणुगोपाल ने कहा, “अभी आप मुसलमानों के पीछे जा रहे हैं, इसके बाद, आप ईसाइयों और जैनियों के पीछे जाएँगे. हम भारत की संस्कृति और परंपराओं में विश्वास करते हैं. हम हिंदू होने के नाते आस्तिक हैं, लेकिन हम अन्य धर्मों का भी सम्मान करते हैं. वेणुगोपाल ने संशोधन प्रस्ताव के टाइमिंग को लेकर भी सवाल उठाय. वेणुगोपाल ने इसे महाराष्ट्र, बिहार और हरियाणा के चुनावों से जोड़ा.उन्होने कहा का कि ये विधेयक संघीय व्यवस्था पर भी हमला है.

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

Latest news

Related news