लखनऊ :योगी सरकार एक के बाद एक नई पहल कर रही है. ऐसे में सरकार ने ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में स्वच्छ और हरित ऊर्जा उत्पादन स्रोतों को प्रोत्साहित करने के लिए ग्रीन हाइड्रोजन नीति Green hydrogen policy लागू करने के निर्देश दिए हैं. ग्रीन हाइड्रोजन एक स्वच्छ ऊर्जा होने के कारण नेट जीरो के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक है.
Green hydrogen policy ड्राफ्ट पॉलिसी को मिलेगा अंतिम रूप
सीएम योगी ने ग्रीन हाइड्रोजन नीति विषय की ड्राफ्ट पॉलिसी को देखते हुए कहा कि पॉलिसी को अंतिम रूप देने से पूर्व इस क्षेत्र में काम करने वाले स्टेक होल्डर से भी परामर्श लिए जाएं.इस पॉलिसी निवेशकों और उपयोगकर्ताओं को इसका ज़्यादा से ज़्यादा फ़ायदा मिल सके.ग्रीन हाइड्रोजन एनर्जी पर काम करने वाली फ़र्मों को ज़्यादा से ज़्यादा इंसेंटिव देकर प्रोत्साहित करने के भी निर्देश दिए.मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इस मौजूदा ड्राफ्ट को पॉलिसी का अंतिम रूप देने से पहले देश के अलग अलग राज्यों की सम्बन्धित नीति का अध्ययन करने के भी निर्देश दिए.
साल 2021 के स्वतंत्रा दिवस पर इस मिशन की घोषणा की थी
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन को औपचारिक तौर मंजूरी दे चुकी है. सरकार ने साल 2021 के स्वतंत्रा दिवस पर इस मिशन की घोषणा की थी.हाइड्रोजन प्राकृतिक में पर पाया जाने वाला बेहद आम तत्व है, जो अन्य तत्वों के साथ संयोजन में मौजूद है. इसके इस्तेमाल से प्राकृति को भी नुकसान पहुंचने से बचाया जा सकता है.इसके तहत प्रदेश में ग्रीन हाइड्रोजन इकाई लगाने वाली कंपनियों को लीज पर भूमि दी जाएगी.साथ ही स्टाम्प ड्यूटी में छूट, इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी, कैपिटल और इंटरेस्ट सब्सिडी भी मिलेगी