Saturday, July 5, 2025

SP Poster war: “शूद्र” के बाद “अधम नारी” को लेकर लगे पोस्टर, लखनऊ समाजवादी पार्टी ऑफिस के बाहर चल रहा है पोस्टर वॉर

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यूपी की राजनीति एक बार फिर राम नाम को लेकर उफान पर है. फर्क है तो इतना कि इस बार मुद्दा राम मंदिर नहीं बल्कि रामचरित्र मानस का है. बिहार के शिक्षा मंत्री के बयान से शुरु हुआ ये विवाद यूपी में एसपी एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्या के बयान और उसके बाद रामचरित्र मानस जलाये जाने से गरमाता गया. पहले शूद्र शब्द पर ही विवाद ज्यादा था अब इसमें महिलाओं के अपमान का मुद्दा भी उठने लगा है. इसको लेकर समाजवादी पार्टी कार्यालय के बाहर एक बार फिर से पोस्टर वॉर (SP Poster war) शुरु हो गया है. पार्टी इस मुद्दे को ठंडा पड़ने नहीं देना चाहती.

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इस बार पोस्टर में क्या लिखा है

आपको याद दिला दें रामचरित्र मानस की चौपाई को लेकर हुए विवाद के बाद भी समाजवादी पार्टी ऑफिस के बाहर पोस्टर (SP Poster war) लगाया गया थे. जिनपर लिखा था “गर्व से कहो की हम शूद्र हैं” ये पोस्टर समाजवादी पार्टी पिछड़ा वर्ग पूनम मौर्य, संविधान संरक्षण मंच के राष्ट्रीय संयोजक गौतम राणे सागर और विधायक आर के वर्मा ने समाजवादी पार्टी ऑफिस के बाहर पोस्टर (SP Poster war) लगवाये थे.

अब इसके साथ ही कुछ और पोस्टर (SP Poster war) भी लगाए गए है. जिनमें से एक पोस्टर में लिखा है “शुद्र समाज की जो बात करेगा वही दिल्ली पर राज करेगा”, दूसरे में “अधम ते अधम अति नारी” जिसका मतलब बताया गया है कि, “जो नीच से भी नीच है, स्त्रियां उसमें भी अत्यंत अधम हैं.”
इसके साथ ही इसमें लिखा है कि “धर्म ग्रंथों की आड़ में ताड़ना का अपमान भारत की नारी नहीं सहेगी.”

स्वामी प्रसाद मौर्य ने फिर ट्वीट कर दुहराई अपनी बात

इस बीच बुधवार को एसपी एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर ट्वीट कर अपनी बात को दुहराया है. उन्होंने लिखा कि “इंडियंस आर डाग” कहकर अंग्रेजों ने जो अपमान व बदसलूकी ट्रेन में गांधी जी से किया था, वह दर्द गांधी जी ने ही समझा था. उसी प्रकार धर्म की आड़ में जो अपमानजनक टिप्पणियां महिलाओं व शुद्र समाज को की जाती हैं उसका दर्द भी महिलायें और शुद्र समाज ही समझता है.”

एसपी नेता लालजी पटेल ने किया होलिका दहन में रामचरितमानस को जलाने का आवाहन

वहीं सपा नेता पूर्व जिला सचिव लालजी पटेल का एक वीडियो क्लिप वायरल हो रहा है जिसमें लोगों से रामचरितमानस को जलाने की अपील की गई है. इस वीडियो में लालजी पटेल कहा रहे है कि “हम स्वामी प्रसाद मौर्य की बातों का समर्थन करते हैं हम सनातन धर्म के लोग हैं, और यह किताब हिन्दू धर्म का रामचरितमानस कोई ग्रंथ नहीं है. यह सिर्फ एक किताब है जिसको तुलसी दास ने अपने मन से लिखा है, अपने को प्रसिद्ध करने के लिए लिखा है. यह किताब दलितों और पिछड़ों को अपमानित करती है. इसलिए जिस प्रकार सुंग वंश की स्थापना होने के बाद बौद्ध धर्म ग्रंथों को होलिका दहन में जलाया गया था, उसी प्रकार से इस किताब को जला दिया जाएगा तो हमें इस किताब से मुक्ति मिल जाएगी और अपमानित तथा भेदभाव से छुटकारा मिल जाएगा.”
इस क्लिप में आगे लालजी पटेल कहते है कि, “हमारे घर में यह किताब नहीं है और हम जागरूक लोग हैं इसलिए इसे पढ़ते ही नहीं यह रामचरितमानस आरएसएस और बीजेपी की विचारधारा को बल देती है. आरएसएस कहता है कि नारी का सम्मान करना चाहिए और यह किताब कहती है कि शूद्र, गंवार, ढोल, पशु, नारी यह सब ताड़न के अधिकारी. कैसी ताड़ना देना चाहते हैं नारी को.”

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