जहानाबाद :चीन की सीमा पर तैनात मेजर मनोज मंगलवार को शहीद Major Manoj हो गए.भारतीय सेना में मेजर मनोज कुमार ने देश की सीमा की रक्षा करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दे दिया.शहीद मेजर मनोज कुमार के पिता भी आर्मी से रिटायर्ड हैं.शहीद मेजर का पार्थिव शरीर बुधवार को जहानाबाद जिले में स्थित उनके पैतृक गांव लाया जाएगा. जहां सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार होगा.मेजर मनोज कुमार की डेढ़ साल पहले ही शादी हुई थी.
Major Manoj से कुछ समय पहले फ़ोन पर हुई थी बात
शहीद मेजर के पिता ने बताया कि उनकी बेटे मनोज से सोमवार रात को ही व्हाट्सएप कॉल पर बात हुई थी.फोन पर उन्होंने काफी संजीदगी से बात की थी,मगर अचानक मंगलवार सुबह उनके निधन की खबर मिली.पिता अशोक कुमार प्रभाकर को मंगलवार सुबह 9 बजे बेटे की शहादत की सूचना मिली.इसके बाद परिवार वालों के होश उड़ गए.पिता ने बताया कि मनोज कुमार भारत-चीन की सीमा पर अरुणाचल प्रदेश में तैनात थे.मेजर मनोज कुमार का परिवार जहानाबाद जिले में करपी थाना इलाके के लोदीपुर गांव का रहने वाला है.उनकी मौत कैसे हुई इसकी जानकारी अभी सामने नहीं आई है.मनोज काफी हंसमुख प्रवृत्ति के थे.
डेढ़ साल पहले हुई थी शादी
शहीद मेजर अपने गांव में काफी लोकप्रिय थे.पिता ने बताया कि उनके 6 बेटे हैं, जिनमें मनोज सबसे बड़े थे.पिता अशोक कुमार ने बताया कि मनोज ने नालंदा सैनिक स्कूल से पढ़ाई करने के बाद जून 2016 में एनडीए कंप्लीट कर सेना में योगदान दिया था.डेढ़ साल पहले उनकी धूमधाम से शादी हुई थी.शादी के बाद सभी परिवार वाले कानपुर शिफ्ट हो गए थे.उनकी शहादत की खबर मिलने के बाद लोदीपुर गांव में शोक की लहर दौड़ पड़ी.शहादत के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि सिर्फ इतनी जानकारी है कि ड्यूटी करते समय बेटा शहीद हो गया.विस्तृत जानकारी सेना मुख्यालय से दी गई है. इस संबंध में परिजन भी कुछ नहीं बता पा रहे हैं कि उनकी मौत कैसे हुई है.