उत्तर प्रदेश में इन दिनों बजट सत्र की चर्चा है. जहाँ पक्ष विपक्ष एक दूसरे पर हमला बोलने के साथ साथ एक दूसरे की खामिया गिनाने में लगे हुए है. इसी बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि बिना जाति जनगणना के सबका साथ सबका विकास नहीं हो सकता है. उन्होंने ये कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि सरकार इससे पीछे क्यों हट रही है. उन्होंने कहा कि सपा ने पहले भी मांग की है और अब भी इसके पक्ष में हैं कि यूपी में जाति जनगणना की जानी चाहिए.
विपक्षी नेताओं से भी अखिलेश ने पूछे सवाल!
सपा प्रमुख ने आगे कहा कि जब बिहार में जातीय जनगणना हो सकती है. तो उत्तरप्रदेश में क्यों नहीं. दक्षिण भारत के बड़े नेता भी चाहते हैं. हमारी मांग है कि जातीय जनगणना होनी चाहिए. आप अगर जातीय जनगणना के खिलाफ हैं, तो आउटसोसिर्ंग के खिलाफ क्यो नहीं? बजट में आप डेटा सेंटर बना रहे हैं, तो फिर क्यों जातीय जनगणना नहीं होनी चाहिए. इस बीच अखिलेश यादव ने विपक्ष के दूसरे नेताओं से भी जाती जनगणना पर विचार साझा करने को कहा. जब अखिलेश ने ओपी राजभर से पूछा तो उन्होंने कहा कि बिलकुल हम चाहते यूपी में जाती जनगणना हो. मंत्री संजय निषाद से अखिलेश यादव ने पूछा- आप जातीय जनगणना चाहते तब संजय निषाद ने कहा कि विसंगतियां दूर होनी चाहिए न हम पिछड़े हैं न दलित हैं.
अखिलेश यादव ने यूपी में इंवेस्टर्स समिट आयोजित करने पर कहा कि सरकार यहां पर मेला न लगाए. सदन को ये बताया जाए कि अभी तक कितना निवेश हुआ है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि लगता है कि जो भी सूट और टाई पहने हुए था उससे एमओयू करवा लिया. एमओयू की क्या विश्वसनीयता है सरकार जवाब दे.
नेता प्रतिपक्ष ने छुट्टा जानवरों की समस्या उठाते हुए कहा कि योगी सरकार के मंत्री विदेशों में गए थे. क्या किसी ने वहां सड़कों पर सांड़ देखा? निवेश की बात करने वाले शहर तक साफ नहीं कर पा रहे हैं और लखनऊ तक की सड़कों पर सांड नजर आ रहे हैं.
अखिलेश यादव ने कहा कि सड़कों पर छुट्टा जानवरों के कारण आए दिन हादसे होते रहते हैं. मेरी सरकार से मांग है कि सड़क हादसों के मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये मुआवजा दिया जाए.
सरकार की विश्वसनीयता पर उठाए सवाल
अखिलेश यादव ने सदन में कटाक्ष करते हुए कहा कि आप चुनाव जरूर जीत जाते हैं पर आपकी सरकार की कोई क्रेडिबिलिटी नहीं है. इस पर वित्तमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि सबसे बड़ी अदालत जनता है. जनता ने हमें दोबारा जिताया है.
अखिलेश यादव ने सदन को संबोधित करते हुए भाजपा सरकार को 2017 में संकल्प पत्र में किए गए वादों की याद दिलाई। उन्होंने कहा कि सरकार ने वादा किया था कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी। सरकार ने गन्ना किसानों को 14 दिनों में भुगतान का वादा किया था लेकिन ये वादे पूरे नहीं किए जा रहे हैं. उन्होंने योगी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि लगता है कि दिल्ली और लखनऊ के बीच कुछ गड़बड़ चल रहा है इसलिए दिल्ली वाले लखनऊ वालों का काम नहीं करते और लखनऊ वाले दिल्ली वालों का.
सदन में उठा नेहा राठौर का मुद्दा
उन्होंने सदन में यूपी में काबा की गायिका नेहा सिंह राठौर को पुलिस द्वारा नोटिस भेजे जाने पर सवाल उठाए. अखिलेश ने कहा कि मुझ पर भी गाने बने, आलोचना हुई पर हमने किसी के लिए भी पुलिस से नोटिस नहीं भिजवाई. अखिलेश ने कहा कि मैं शायद पहला मुख्यमंत्री हूं. जिसने अपने ऊपर बने कार्टून की पुस्तिका का लोकार्पण किया. उन्होंने बीजेपी विधायकों की तरफ तंज कसते हुए कहा कि आप लोगों पर कभी कार्टून नहीं बन सकता है क्योंकि आप सब खुद ही कार्टून हो.
सदन में उठा एक्सप्रेस वे का मुद्दा
अखिलेश यादव ने कहा कि एक्सप्रेस वे पर अगर समाजवादियों ने इस तरह का डिजाइन नहीं किया होता तो प्रधानमंत्री जी का हरक्यूलिस वहां नहीं उतर पाता. समाजवादियों के एक्सप्रेस वे केवल शहरों को जोड़ने के लिए ही नहीं, गांवों को भी जोड़ना था, लेकिन सरकार ने एलाइनमेंट बदल दिए. गंगा एक्सप्रेस वे भी इनकी नहीं बहुजन सरकार की थी. देश के दूसरे प्रदेशों को एक्सप्रेस वे को केंद्र पैसा दे रहा, लेकिन यूपी को क्यों नहीं.