Thursday, May 1, 2025

WFI controversy: यौन उत्पीड़न के आरोप और पहलवानों के धरने के बाद जागा खेल मंत्रालय, कुश्ती संघ से मांगा 72 घंटे में जवाब

कुश्ती संघ के अध्यक्ष को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है. पहलवान रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह को हटाने की मांग पर अड़े हुए है. उनका कहना है कि अगर यौन उत्पीड़न के मामले में बीजेपी सांसद के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाएगी तो किसी भी प्रतियोगिता में भाग नहीं लेंगे. इसके बाद खेल मंत्रालय ने बुधवार को भारतीय कुश्ती महासंघ से अगले 72 घंटों के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है.

बुधवार को पहलवानों ने जंतर मंतर पर दिया धरना

एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता विनेश फोगट बुधवार को रो पड़ीं, फोगट, ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया सहित 30 से अधिक पहलवानों बुधवार को जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया. उनकी आरोप था कि रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह और कुछ कोच महिला खिलाड़ियों और महिला कोच का उत्पीड़न करते है.

पत्रकारों से बात करते हुए रो पड़ी विनेश फोगट

बुधवार को ओलंपियन पहलवान विनेश फोगट जंतर मंतर पर पत्रकारों से बात करते हुए रो पड़ी.
विनेश ने बीजेपी सांसद पर आरोप लगाया कि, ”मुझे बृजभूषण शरण सिंह द्वारा मानसिक उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा, आत्महत्या के बारे में भी सोचा था. डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष और राष्ट्रीय शिविर के कुछ कोचों ने महिला पहलवानों का यौन शोषण किया है.”

उन्होंने कहा, “चोटों की जिम्मेदारी कोई नहीं लेता. वह पहलवानों को नेशनल से बैन करने की बात करते हैं. डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष ने मुझे ‘खोटा सिक्का’ (बेकार) कहा. मैं आत्महत्या करना चाहती थी. मैंने आज खुले तौर पर कहा है, मुझे नहीं पता कि मैं कल जीवित रहूंगी या नहीं. हमने कई बार कैंप को लखनऊ से दूर ले जाने का अनुरोध किया है. कैंप सिर्फ वहीं क्यों होता है? क्योंकि उसके लिए वहां महिला पहलवानों को शिकार बनाना आसान होता है?”

विनेश फोगट ने आरोप लगाया कि बृजभूषण शरण सिंह की ओर से उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी गई है. उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री से उत्पीड़न की शिकायत करने के बाद से मुझे जान से मारने की धमकी दी जा रही है.” धरने पर बैठे पहलवान डब्ल्यूएफआई प्रशासन में बदलाव की मांग कर रहे हैं और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय खेल प्राधिकरण से डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील की है.

आरोप साबित होते हैं तो मैं खुद को फांसी लगा लूंगा- बृजभूषण शरण सिंह

वहीं डब्ल्यूएफआई के प्रभारी 66 वर्षीय बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह अपने पर लगाए गए भारतीय पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, अगर मेरे खिलाफ आरोप साबित होते हैं तो मैं खुद को फांसी लगा लूंगा. पत्रकारों के सवालों के जवाब में शरण ने कहा, “ जब मुझे पता चला कि पहलवान विरोध कर रहे हैं तो मुझे नहीं पता था कि आरोप क्या हैं. यह मेरे खिलाफ एक साजिश है, और इसमें एक बड़े उद्योगपति का हाथ है. जब विनेश फोगट हार गई थी, तो मैं ही था जिसने उसे प्रेरित किया. मैं खिलाड़ियों से बात करूंगा. मैं किसी भी तरह की जांच का सामना करने के लिए तैयार हूं. यौन उत्पीड़न कभी नहीं हुआ. अगर एक भी एथलीट सामने आया और यह साबित कर दिया तो मैं फांसी लगा लूंगा.”

आपको बता दें बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह करीब एक दशक से डब्ल्यूएफआई के प्रभारी हैं. आखिरी बार उन्होंने 2019 में तीन साल के कार्यकाल के लिए तीसरी बार डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के रूप में निर्विरोध चुना गया था.

खेल मंत्रालय ने कुश्ती संघ को भेजा 72 घंटों के भीतर जवाब देना का नोटिस

जंतर मंतर पर विरोध के चंद घंटों बाद ही खेल मंत्रालय ने एक बयान जारी किया. बयान में कहा गया कि अगर डब्ल्यूएफआई अगले तीन दिनों यानी 72 घंटों के भीतर जवाब नहीं देता है, तो खेल मंत्रालय राष्ट्रीय खेल विकास संहिता, 2011 के प्रावधानों के तहत उसके खिलाफ कार्रवाई शुरू करेगा. खेल मंत्रालय ने बयान में कहा- “आज (बुधवार, 18 जनवरी) दिल्ली में ओलंपिक और राष्ट्रमंडल खेलों के पदक विजेताओं सहित पहलवानों द्वारा किए गए विरोध और एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का संज्ञान लेते हुए, जिसमें पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष और कोचों द्वारा महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं. खेल मंत्रालय ने महासंघ के कामकाज में कुप्रबंधन को लेकर डब्ल्यूएफआई से स्पष्टीकरण मांगा है और उसे आरोपों पर अगले 72 घंटों के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया है.”

डब्ल्यूएफआई को भेजे पत्र में मंत्रालय ने कहा है कि “चूंकि यह मामला एथलीटों की भलाई से जुड़ा है, इसलिए मंत्रालय ने इस मामले को बहुत गंभीरता से लिया है. मंत्रालय ने आगे कहा है कि अगर डब्ल्यूएफआई अगले 72 घंटों के भीतर जवाब प्रस्तुत करने में विफल रहता है, तो मंत्रालय राष्ट्रीय खेल विकास संहिता, 2011 के प्रावधानों के अनुसार महासंघ के खिलाफ कार्रवाई शुरू करेगा.” इसके साथ ही मंत्रालय ने महिला पहलवानों के लिए होने वाला कुश्ती शिविर भी रद्द कर दिया.

मंत्रालय ने अपने पत्र में जानकारी दी कि, “इसके अलावा, महिला राष्ट्रीय कुश्ती प्रशिक्षण शिविर, जो 18 जनवरी, 2023 से लखनऊ में भारतीय खेल प्राधिकरण के राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र (एनसीओई) में 41 पहलवानों और 13 कोचों और सहायक कर्मचारियों के साथ शुरू होने वाला था, रद्द कर दिया गया है” एनसीओई लखनऊ के कार्यकारी निदेशक को निर्देशित किया गया है कि वह राष्ट्रीय शिविरार्थियों को सभी सुविधाएं प्रदान करें, जो पहले से ही रिपोर्ट कर चुके हैं और रिपोर्ट करने की संभावना है, जब तक कि कैंपर्स केंद्र से प्रस्थान नहीं कर लेते। सभी शिविरार्थियों को राष्ट्रीय कोचिंग शिविर रद्द करने के संबंध में आवश्यक सूचना भी भेज दी गई है.

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