Thursday, December 12, 2024

Lord Ram: देश में चल रहा है भक्ति काल, नेताओं में दर्शन दे रहे हैं भगवान!

‘तुलसी’ साथी विपति के, विद्या, विनय, विवेक।
साहस, सुकृत, सुसत्य-व्रत, राम-भरोसो एक॥
गोस्वामी तुलसी दास जी इस दोहे में कह रहे हैं कि विद्या, विनय,ज्ञान,विवेक,साहस और सत्य भाषण इस तरह के विपत्ति में भी साथ देने वाले गुण सिर्फ औऱ सिर्फ एक भगवान् राम (Lord Ram) के भरोसे से ही मिल सकते हैं. आप सोच रहे होंगे कि तुलसीदास के इस दोहे से राहुल गांधी का क्या लेना देना है….तो जनाब 7 सितंबर को जब से राहुल गांधी ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा शुरु की है उनके साथ भगवान राम का साथ है. ये हम नहीं तुलसी दास जी कह रहे हैं. क्योंकि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल के विद्या, विनय, ज्ञान, विवेक,साहस और सत्य भाषण सभी की तारीफ हो रही है.
अब ऐसे में अगर किसी को राहुल गांधी में भगवान राम (Lord Ram) नज़र आने लगे तो इसमें उसकी क्या गलती. जी हां आप सही समझे हम बात यूपी कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद की कर रहे हैं जिन्हें अपने सांसद राहुल गांधी में भगवान राम नज़र आ गए. दिल्ली के 4 डिग्री तापमान में सिर्फ टी-शर्ट पहने राहुल को देख सलमान खुर्शीद ने कहा “वो (राहुल गांधी) अलौकिक हैं. हम ठंड में ठिठुर रहे हैं और जैकेट पहन रहे हैं, वह टी-शर्ट पहनकर निकल रहे हैं. वह एक योगी की तरह तपस्या कर रहे हैं…. भगवान राम की ‘खड़ाऊं’ बहुत दूर तक जाती है”
इसके साथ ही सलमान खुर्शीद ने कहा “कभी-कभी खड़ाऊं लेकर भी चलना पड़ता है. हमेशा राम नहीं पहुंच पाते हैं तो भरत उनकी खड़ाऊं लेकर चलते हैं. हम भी खड़ाऊं लेकर उत्तर प्रदेश में चले हैं. उत्तर प्रदेश में खड़ाऊं पहुंच गई है तो राम जी भी पहुंचेंगे, ये हमारा विश्वास है.”
सलमान खुर्शीद का इतना कहना था कि संतों को गुस्सा आ गया. अयोध्या में राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने सलमान खुर्शीद के बयान की निंदा कर दी. आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि, “कोई भी व्यक्ति भगवान राम (Lord Ram) नहीं हो सकता, न ही भरत हो सकता. कभी भी राहुल गांधी की तुलना राम से नहीं की जा सकती.”
संतों की नाराजगी की खबर सलमान खुर्शीद तक भी पहुंची तो उन्होंने अपने बयान पर सफाई दे डाली कहा, “हमारे शायरों ने श्रीराम को इमाम ए हिन्द कहा है. वो सर्व धर्म के हैं. हिंदू और मुसलमान सहित सभी धर्मों के लिए वो आदर्श हैं.”
लेकिन जिनकी भावनाएं आहत हुई थी उन्हें राम के इमामे हिंद होने से भी आपत्ति थी. खास कर बीजेपी नेताओं ने इसपर कडा विरोध जाहिर किया. राजस्थान के BJP विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा कि उनका कोई भी नेता श्रीराम के पैरों की धूल के बराबर भी नहीं. उनकी तुलना किसी से नहीं की जा सकती.
इसी तरह खंडवा के एक वकील ने पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर एफआईआर दर्ज करने की मांग की है. वकीलों का कहना है कि सलमान खुर्शीद ने भगवान राम से राहुल गांधी की तुलना कर करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं को आहत किया है.
वैसे जिस बीजेपी को भगवान राम (Lord Ram) से इंसान की तुलना करना इतना बुरा लग रहा है उसके खुद के नेता 2014 के बाद कई बार प्रधानमंत्री मोदी के साथ भगवान राम (Lord Ram) ही नहीं, भगवान विष्णु, भगवान शिव तक की तुलना कर चुके हैं. और इन सब मौकों पर कांग्रेस भी आज बीजेपी की तरह पीएम मोदी की भगवान से तुलना करने पर नाराज़गी जता चुकी है. आइये आपको क्रोनोलॉजी बताते हैं कि कब-कब किस-किस को पीएम मोदी में हुए, भगवान राम, विष्णु और शिव के दर्शन.
28 जनवरी 2016, तब अहमदाबाद पूर्व सीट से बीजेपी सांसद और अभिनेता परेश रावल को पीएम मोदी में भगवान राम के दर्शन हो गए. फिल्म अभिनेता परेश रावल अहमदाबाद की एक युनिवर्सिटी में छात्रों को संबोधित कर रहे थे. पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए परेश रावल ने कहा कि 2014 में उनकी जीत मोदी लहर में वैसे ही हुई, जैसे राम के नाम से समंदर में पत्थर तैर गए थे.
इसके बाद नंबर आता है महाराष्ट्र बीजेपी के प्रवक्ता रहे अवधूत वाघ का. 13 अक्तूबर 2018 में अवधूत वाघ ने ट्वीट कर एलान किया कि सम्माननीय प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी भगवान विष्णु का ग्यारहवां अवतार हैं. ये ट्वीट वाघ के ट्वीटर अकाउंट पर अभी भी पिन किया हुआ है, यानी अभी भी उनका ट्वीटर अकाउंट खोलते ही ये नज़र आता है.
इसके बाद नंबर आता है राम भक्त शिवराज सिंह चौहान का. 30 जनवरी 2020 को दिल्ली में मटियाला निर्वाचन क्षेत्र में बीजेपी उम्मीदवार के लिए चुनाव प्रचार करते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि ‘अगर नरेंद्र मोदी भगवान राम (Lord Ram) हैं तो अमित शाह हनुमान.’ वैसे आपको बता दें जब शिवराज सिंह को ये ज्ञान प्राप्त हुआ था कि पीएम राम हैं और गृहमंत्री हनुमान हैं तब वो मध्य प्रदेश के सीएम नहीं थे.
बात हनुमान तक आ ही गई है तो 16 अक्तूबर 2020 को दिया लोक जनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान का बयान भी आपको याद दिला देते हैं जिसमें उन्होंने कहा था कि पीएम उनके दिल में हैं. उस समय चिराग बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए से अलग राह पर चल रहे थे लेकिन राजनीति से अलग उन्हें पीएम में भगवान नज़र आते थे. लोक जनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान ने तब कहा था कि – ‘मुझे प्रधानमंत्री जी की तस्वीर इस्तेमाल करने की जरूरत ही नहीं है. मैं उनका हनुमान हूं, मेरे दिल में उनकी तस्वीर बसती है. किसी दिन होगा तो छाती चीर के भी दिखा दूंगा कि मेरे दिल में मेरे प्रधानमंत्री बसते हैं’
वैसे पीएम के भक्तों को उनमें सिर्फ भगवान राम और भगवान विष्णु ही नज़र नहीं आते बलकि वो तो उनमें अर्द्धनारीश्वर भगवान शिव के भी दर्शन कर लेते हैं. 12 मार्च 2021 हिमाचल प्रदेश के जिस नेता को पीएम में भगवान शिव के दर्शन हुए थे वो तब जय राम ठाकुर के मंत्रिमंडल में आवास और शहरी विकास मंत्री थे. मंत्री सुरेश भारद्वाज ने शुरुआत तो पीएम पर महादेव के आशीर्वाद से की थी लेकिन फिर भावनाओं में बह गए और कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी को भगवान शिव का आशीर्वाद है. बल्कि वे तो भगवान शिव का अवतार ही हैं. केवल इसी वजह से ही पीएम देश को कोरोनावायरस जैसी वैश्विक महामारी से बचा पाए.’
पीएम मोदी में भगवान के दर्शन करने वालों में उत्तर भारत के सभी राज्यों के नेता मौजूद हैं. 15 मार्च 2021 को देवभूमि उत्तराखंड के तब के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को भी पीएम में भगवान के दर्शन हुए थे. जिसके बाद तीरथ सिंह ने कहा कि, ‘द्वापर और त्रेता में राम कृष्ण हुए हैं. राम ने भी यही समाज का काम किया था इसलिए लोग भगवान मानने लग गए. आने वाले समय में हम नरेंद्र मोदी को भी उसी रूप में मानने लगेंगे. वह काम प्रधानमंत्री इस देश के अंदर कर रहे हैं.’
वैसे ये सब तो पुरानी बात है. इसी साल 18 जनवरी 2022 को मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री और बीजेपी नेता कमल पटेल को भी ये ज्ञान प्राप्त हुआ कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भगवान के अवतार हैं. पटेल ने कहा कि भारत पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत “विश्व गुरु” बन रहा है, जिन्होंने भ्रष्टाचार मुक्त सरकार दी है और आम लोगों का कल्याण भी सुनिश्चित किया है. कमल पटेल ने कहा “ये असंभव कार्य हैं जिन्हें एक आम आदमी पूरा नहीं कर सकता है. यदि संभव हो तो यह 60 वर्षों में हो सकता था. इसलिए, पीएम नरेंद्र मोदी जी एक ‘अवतार पुरुष’ हैं और उन्होंने असंभव कार्य किए हैं. वे भगवान के अवतार हैं. ”
प्रधानमंत्री को भगवान बताने वालों की लिस्ट बहुत लंबी है लेकिन हमारा मकसद आपको ये बताना था कि अपने नेता में भगवान को देखने का ये ट्रेंड 2014 के बाद से शुरु हुआ है ऐसा नहीं है. ये बहुत पहले से होता आ रहा है. इंदिरा गांधी को भी दुर्गा का अवतार बताया गया था. हां 2014 के बाद से सिर्फ पीएम मोदी में बीजेपी नेताओं को भगवान नज़र आते थे. अब कांग्रेसियों को भी राहुल गांधी के अलौकिक होने का ज्ञान हो गया है. इसलिए अब भगवान के दर्शन उन्हें भी होने लगे हैं. वैसे राहुल गांधी पीएम की तरह ऋषि , महर्षि, और तपस्वी भी कहलाने लगे हैं. ये बात और है कि पीएम जब कभी केदारनाथ, बद्रीनाथ, काशीधाम, उज्जैन महाकाल जाते हैं तो इन रूपों में नज़र आते हैं. जबकि राहुल गांधी कन्याकुमारी से कश्मीर तक की पैदल यात्रा कर अपने लिए ये नाम कमा रहे हैं.
वैसे कहा गया है जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी. तो किसी की भावना से अगर उसे अपने नेता में भगवान नज़र आते हैं तो किसी और की भावना को आहत नहीं होना चाहिए क्योंकि कहते हैं ना कि मानो तो देव नहीं तो पत्थर. और अब जब देश, समाज और राजनीति में भक्ति भाव कूट-कूट के भर ही गया है तो अब नए-नए अवतार और भगवान तो जन्म लेंगे ही.

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