कानपुर : मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने एक चौंकाने वाला बयान दिया है. उनका कहना है कि देश में कॉमन सिविल कोड लाने की कोई जरूरत नहीं है. ऐसे कई देश हैं जहां Common Civil Code है फिर भी वहां युद्ध हुए हैं. वैसे ही बहुत से कानून हैं या हर धर्म का अपना पर्सनल लॉ बोर्ड है.
Common Civil Code नहीं है शांति की गारंटी
सैफुल्लाह रहमानी का कहना है कि दोनों विश्वयुद्ध और ईरान इराक का युद्ध साबित करता है कि Common Civil Code शांति की गारंटी नहीं है. कहने का मतलब ये है कि इरान और इराक में भी Common Civil Code है फिर भी इन देशों में लड़ाई हुई. ये बयान चौंकाने वाला इसलिए है कि बीजेपी सरकार Common Civil Code लाने की तैयारी में है. कई बार इस पर बहस हुई है. कई बार इसे लागू करने की मांग भी उठी है और आने वाले चुनाव में बीजेपी इसे चुनावी मुद्दा भी बना सकती है. ऐसे में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी का ये बयान चौंकाने वाला है.
एक समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है
इसके अलावा द केरला स्टोरी के मामले पर मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने कहा कि यह देश में नफरत फैलाने का काम इस तरह की फिल्में कर रही हैं. वहीं देश में लव जिहाद के मामलों पर उन्होंने कहा कि इस्लाम में इस तरह का कोई शब्द ही नहीं है. और एक प्रकार से एक समुदाय को निशाना बनाने के लिए यह शब्द इस्तेमाल किया जा रहा है. ऐसा नहीं है कि यह केवल एक धर्म विशेष के युवकों द्वारा किया जा रहा है. आप देखें कि मुस्लिम युवतियां भी गैर मुस्लिम से क्या शादियां नहीं करतीं. सिर्फ एक समुदाय को निशाने पर लेना गलत है.
चुनाव के समय लव जिहाद की चर्चा होती है
लव जिहाद के बढ़ते मामलों पर फिरंगी महली ने कहा कि इलेक्शन का समय आते ही उस तरह के शब्द और मामले सामने आने लगते हैं. यह पोलिटिकल फ्रेम है और सिर्फ एक कम्युनिटी को टारगेट करने के लिए है.