अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) इन दिनों चर्चा में है और चर्चा का विषय बना है 2022 का गजट. जुलाई 2022 के कोविड-19 टीकाकरण पर गजट के विशेष अंक के कवर पेज में जो लोगो (logo) लगाया गया है , उसको लेकर छात्रों का कहना है कि यह लोगो का पूरी करह से ठीक नहीं है. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के इस गजट में मूल लोगो ना होने पर छात्रों ने एतराज जताया है. मूल लोगो में कुरान की आयतें लिखी हुई होती हैं.
छात्रों का आरोप है कि गजट में पीएम मोदी की तस्वीर लगाकर उन्हें महिमा मण्डित करने की कोशिश की जा रही है, गजट पर उनकी 12 से 15 तस्वीरें लगा दी गईं हैं जबकि एएमयू के संस्थापक सर सैयद अहमद खान की अहमियत कम दी गई है और कोविड को दौर में जान गँवाने वाले टीचरों का जिक्र तक नहीं है. छात्रों का कहना है कि गजट को लेकर उनका विरोध जारी है औऱ इस मामले में छात्र जल्द ही एएमयू के वीसी से मुलाकात करेंगे.
क्या है गजट-2022
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी उमर सलीम पीरजादा ने बताया कि यह गजट विश्व विद्यालय की प्रतिष्ठित पत्रिका है,जिसे सर सैयद अहमद खान ने 1866 में शुर किया था. इस बार का गजट कोविड वैक्सिनेशन को लेकर निकाला गया है जो जुलाई 2022 का है. इसमें कोविड-19 के दौर में भारत सरकार और एएमयू के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के योगदान को दर्शाया गया है. पीआरओ का कहना है कि मुझे नहीं लगता कि इसको लेकर कोई विवाद है इस मैगजीन का जो मकसद है जब उन छात्रों तक पहुंचेगा तो चीजें क्लियर हो जाएंगी. छात्रों के गजट को संशोधित करने के सवाल के जवाब में एएमयू पीआरओ ने कहा कि हमारे पास ऐसी कोई डिमांड नहीं है ना कभी ऐसा हुआ है ना होगा. यह अपने आप में काफी है.