Friday, March 14, 2025

Security of Parliament के मामले में छठे आरोपी ललित झा ने दिल्ली के एक थाने में सरेंडर किया.

दिल्ली:संसद के सुरक्षा घेरे Security of Parliament को तोड़ में अंदर घुसने वाले छठे आरोपी ललित झा ने दिल्ली के एक थाने में सरेंडर कर दिया है. आरोपी ललित झा महेश नाम के शख्स के साथ खुद कर्तव्य पथ थाने पहुंचा और सरेंडर कर दिया. पुलिस ने दोनों को स्पेशल सेल को सौंप दिया है. बताया जा रहा है कि ललित दिल्ली से राजस्थान के नागौर भागा था. वह बस पकड़कर राजस्थान गया था. वहां पहुंचने के बाद उसने होटल में रात बिताई थी. फिर वह महेश नाम के शख्स के ठिकाने पर पहुंचा था. महेश को भी 13 दिसंबर को दिल्ली संसद भवन आना था. महेश को इस साजिश की पूरी जानकारी थी. महेश के साथ ही ललित दिल्ली आया और सरेंडर कर दिया. महेश की भी दिल्ली पुलिस तलाश कर रही थी.

Security of Parliament में पांच आरोपी पहले हो चुके है गिरफ्तार

इस घटना में पुलिस पांच आरोपियों को पहले ही अरेस्ट कर चुकी है. जानकारी के मुताबिक संसद तक 5 आरोपी आए थे. इसमें सागर, मनोरंजन, नीलम और अमोल शिंदे के साथ ललित झा भी था. लेकिन जैसे ही हंगामा हुआ, ललित झा मौके से फरार हो गया था. ललित के पास ही इन चारों के मोबाइल फोन भी थे.पुलिस ने कहा कि आरोपियों ने स्मोक बम का उपयोग करने के बाद संसद में पर्चे फेंकने की योजना बनाई थी. इसके लिए उन्होंने तिरंगे भी खरीदे थे.

मनोरंजन ने की थी रेकी

पुलिस अधिकारी ने कहा कि ललित ने अगुवाई की और मनोरंजन को मानसून सत्र के दौरान संसद के सभी प्रवेश द्वारों की रेकी करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा जुलाई में मनोरंजन दिल्ली आया और एक सांसद के नाम पर जारी आंगतुक पास से संसद के अंदर गया.वहां उसे पता चला कि जूतों की तलाशी नहीं होती है. ललित की आखिरी लोकेशन राजस्थान-हरियाणा सीमा पर नीमराणा में मिली थी.सभी पांचों 10 दिसंबर को एकत्र हुए थे और गुरुग्राम में विशाल शर्मा के आवास पर रुके थे.दिल्ली पुलिस आरोपियों को लेकर संबंधित जगहों पर ले जाकर छानबीन की जाएगी और उनका आमना-सामना कराकर पूछताछ होगी.

भगत सिंह के ‘सेंट्रल असेंबली’ में बम फेंके जाने की घटना को दोहराना चाहते थे ये लोग ?

सुरक्षा एजेंसियों को अब तक किसी भी आतंकी समूह के साथ आरोपियों के संबंध नहीं मिले हैं. चारों लोग सोशल मीडिया से संपर्क में आए थे और फिर फेसबुक पर भगत सिंह ‘फैन पेज’ से जुड़े थे. पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया कि वे भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान क्रांतिकारी भगत सिंह की ओर से ‘सेंट्रल असेंबली’ के अंदर बम फेंके जाने जैसी घटना को दोहराना चाहते थे.

 

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