Shyam Rajak quits RJD: बिहार के पूर्व कैबिनेट मंत्री और राजद के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक ने गुरुवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को बड़ा झटका देते हुए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. रजक ने आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव को अपना इस्तीफा सौंप दिया. रजक 2020 बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जदयू छोड़ राजद में शामिल हो गए थे.
श्याम रजक ने लगाया पार्टी पर धोखा देने का आरोप
आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम लिखे पत्र में दलित नेता ने बड़े ही शायराना अंदाज में पार्टी पर उन्हें धोखा देना का आरोप लगाया. श्याम रजक ने अपने इस्तीफे में लिखा, मैं राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय महासचिव और दल की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे रहा हूं. इसके साथ ही उन्होंने एक शेर लिख अपनी पीड़ा भी बयान की. उन्होंने लिखा, ”मैं शतरंज का शौकीन नहीं था, इसलिए धोखा खा गया, आप मोहरे चल रहे थे, मैं रिश्तेदारी निभा रहा था.”
आज राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय महासचिव एवं दल के प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा। @RJDforIndia @laluprasadrjd @yadavtejashwi @MisaBharti @RabriDeviRJD @JagdanandSingh2 pic.twitter.com/Bi3ZOVGGqJ
— Shyam Rajak ( श्याम रजक ) (@ShyamRajakBihar) August 22, 2024
मुझे स्वाभिमान, सम्मान और काम के विजन के अलावा कुछ नहीं आता
राजद से इस्तीफा देने पर पूर्व राजद नेता श्याम रजक ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि, “…मैंने जेपी आंदोलन से शुरुआत की और चंद्रशेखर जी के साथ राजनीति की शुरूआत की, इसलिए मुझे स्वाभिमान, सम्मान और काम के विजन के अलावा कुछ नहीं आता… जिन मूल्यों को लेकर हमने राजद का निर्माण किया, वे कहीं पीछे छूट गए हैं.”
Shyam Rajak quits RJD: जेडीयू में शामिल होने पर क्या बोले रजक
जदयू में शामिल होने की खबरों पर उन्होंने कहा, “मैंने अभी इस बारे में नहीं सोचा है, मैं राजनीतिक मान्यताओं के साथ राजनीति करता हूं, जिस पार्टी में हूं, उसके प्रति ईमानदार रहता हूं. मैंने राजद से इस्तीफा दे दिया है, अब मेरे लिए दरवाजे खुले हैं, मैं सभी से बात कर सकता हूं. मेरे पास दो ही विकल्प हैं, या तो मैं संन्यास ले लूं या फिर फुलवारी की जनता के अधूरे काम पूरे करूं और दलितों और युवाओं की लड़ाई जारी रखूं, अगर मैं उनके दो आंसू भी पोंछ पाया तो अपना जीवन सफल मानूंगा.”
पार्टी ने नाराजगी की क्या है वजह
ऐसा कहा जा रहा है कि 2020 में पार्टी में वापसी के बावजूद, रजक को उस साल विधानसभा चुनाव और इस साल की शुरुआत में हुए लोकसभा चुनावों के दौरान आरजेडी ने टिकट नहीं दिया. इसलिए वो पार्टी से नाराज़ चल रहे थे. आपको बता दें, अगस्त 2020 में, तत्कालीन उद्योग मंत्री और जेडी(यू) के राष्ट्रीय महासचिव रजक को राज्य मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया था. उनपर ‘पार्टी विरोधी’ गतिविधियों का आरोप था और उन्हें छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था.