Sambhal Jama Masjid: संभल में जामा मस्जिद की अभी रंगाई-पुताई नहीं होगी. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने शुक्रवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय को बताया कि सम्भल में विवादास्पद शाही जामा मस्जिद को रमजान से पहले सफेदी कराने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि पूरी संरचना पर इनेमल पेंट चढ़ा हुआ है, जो अच्छी स्थिति में है.
न्यायालय द्वारा गुरुवार को जारी निर्देश के अनुपालन में एएसआई ने आज इस संबंध में निरीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत की.
मुस्लीम पक्ष ने एएसआई रिपोर्ट को गलत बताया
शुक्रवार की सुनवाई के दौरान शाही जामा मस्जिद प्रबंधन समिति ने जोर देकर कहा कि सफेदी जरूरी है और दावा किया कि एएसआई की रिपोर्ट गलत है.
जिसपर, न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की पीठ ने मस्जिद समिति को रिपोर्ट पर अपनी प्रतिक्रिया या आपत्तियां प्रस्तुत करने के लिए 4 मार्च तक का समय दिया. इस बीच, अदालत ने मस्जिद परिसर की सफाई का भी निर्देश दिया, जिसमें अंदर और आसपास से धूल और वनस्पति को हटाना शामिल है.
गुरुवार को तीन सदस्यीय एएसआई ने किया था संभल मस्जिद का दौरा
गुरुवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्देश जारी होते ही भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की तीन सदस्यीय टीम संभल की शाही जामा मस्जिद पहुंची और रमज़ान महीने से पहले मुगलकालीन मस्जिद में सफ़ेदी और सजावट की ज़रूरत का आकलन किया. टीम ने मौके पर डेढ़ घंटे बिताकर अपनी रिपोर्ट तैयार की.
एएसआई की टीम में संयुक्त निदेशक मदन सिंह चौहान, निदेशक जुल्फिकार अली और विनोद सिंह रावत शामिल थे। शाही जामा मस्जिद प्रबंधन समिति के अध्यक्ष जफर अली भी मौजूद थे.
गुरुवार को कोर्ट ने दिया था एएसआई को मस्जिद का निरीक्षण करने का आदेश
गुरुवार सुबह इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को निर्देश दिया कि वह संभल में शाही जामा मस्जिद स्थल का तत्काल निरीक्षण करे और दिन के दौरान मस्जिद की सफेदी की आवश्यकता का आकलन करे तथा शुक्रवार (28 फरवरी) को सुबह 10 बजे तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करे.
न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने संभल मस्जिद समिति द्वारा संभल में जामा मस्जिद की सफाई और सफेदी की अनुमति मांगने के लिए दायर आवेदन पर यह आदेश पारित किया.
Sambhal Jama Masjid कमेटी ने मांगी थी रंगाई-पुताई की इजाजत
25 फरवरी को जामा मस्जिद कमेटी के वकील जहीर असगर ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मस्जिद की रंगाई-पुताई और रखरखाव की अनुमति मांगी थी. उन्होंने कहा कि हर साल रमजान से पहले मस्जिद की रंगाई-पुताई की जाती है, लेकिन इस बार प्रशासन इसकी अनुमति नहीं दे रहा है.
ये भी पढ़ें-Bihar elections: ‘शारीरिक रूप से थके हुए, मानसिक रूप से रिटायर्ड’- प्रशांत किशोर का नीतीश कुमार पर कटाक्ष