Rahul Gandhi US visit : लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, जो अमेरिका की 4 दिवसीय यात्रा पर थे. विदेश में दिए अपने सरकार विरोधी बयानों को लेकर देश में काफी आलोचनाओं का सामना कर रहे है. हलांकि अपनी यात्रा के आखिरी दिन राहुल गांधी ने उन मुद्दों पर बात की जिनपर वो भारत की नरेंद्र मोदी सरकार से सहमत है. मुख्यता विदेश नीति को लेकर राहुल गांधी ने कहा कि वो मोदी सरकार से सहमत है हलांकि चीन को लेकर उन्होंने फिर मोदी सरकार पर निशाना साधा
भारत-अमेरिका संबंधों को लेकर क्या बोले राहुल गांधी
अमरीका में एक प्रेस वार्ता के दौरान भारत-अमेरिका संबंधों पर एक सवाल का जवाब देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि वह अमेरिका के संबंध में प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों में कोई “बड़ा बदलाव” नहीं देखते हैं.
उन्होंने कहा, ” मुझे नहीं लगता कि श्री मोदी अमेरिका के साथ हमारे दृष्टिकोण से बहुत अलग हटेंगे, और मुझे नहीं लगता कि हम उनके द्वारा किए जा रहे काम से बहुत ज़्यादा बदलाव करेंगे. इसलिए, मुझे वहाँ निरंतरता दिखाई देती है. मुझे लगता है कि दोनों पक्षों के सभी लोग इस तथ्य को स्वीकार करते हैं कि भारत-अमेरिका संबंध दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण हैं.” उन्होंने कहा, “मुझे लगता है…हर कोई इस तथ्य को स्वीकार करता है कि भारत-अमेरिका संबंध दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण हैं.”
पाकिस्तान को लेकर भी मोदी सरकार के रुख का किया समर्थन
राहुल गांधी ने पाकिस्तान के प्रति सरकार के दृष्टिकोण का भी समर्थन किया. उन्होंने कहा कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को नहीं रोकता, “हमारे बीच समस्याएँ बनी रहेंगी.”
राहुल गांधी ने कहा, ” पाकिस्तान द्वारा हमारे देश में आतंकवाद को बढ़ावा देने के कारण दोनों देश पीछे रह गए हैं. हम यह स्वीकार नहीं करेंगे कि पाकिस्तान हमारे देश पर हमला करे. हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे और जब तक वे ऐसा करते रहेंगे, हमारे बीच समस्याएँ बनी रहेंगी.”
जब उनसे पूछा गया कि क्या कश्मीर मुद्दा दोनों दक्षिण एशियाई देशों को द्विपक्षीय वार्ता से दूर रख रहा है, तो उन्होंने कहा, “नहीं”. हालांकि, राहुल गांधी ने चीन के मामले में प्रधानमंत्री मोदी के रवैये की आलोचना की.
Rahul Gandhi US visit , चीन को लेकर मोदी सरकार की नीति से नाखुश है राहुल
राहुल गांधी ने भारत सरकार की चीन नीति की आलोचना करते हुए कहा, “हमारे पास लद्दाख में दिल्ली के आकार की ज़मीन पर चीनी सैनिक कब्ज़ा किए हुए हैं, और मुझे लगता है कि यह एक आपदा है. मीडिया इसके बारे में लिखना पसंद नहीं करता.
अगर कोई पड़ोसी देश उसके 4,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर कब्ज़ा कर ले तो अमेरिका की क्या प्रतिक्रिया होगी? क्या कोई राष्ट्रपति यह कहकर बच निकल पाएगा कि उसने इसे अच्छी तरह से संभाला है?
इसलिए, मुझे नहीं लगता कि श्री मोदी ने चीन को बिल्कुल भी अच्छी तरह से संभाला है. मुझे कोई कारण नहीं दिखता कि चीनी सैनिक हमारे क्षेत्र में क्यों बैठे रहें.”
राहुल गांधी की चार दिवसीय अमेरिकी यात्रा मंगलवार को समाप्त हो गई.
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