शुक्रवार को रेलवे में नौकरी के बदले जमीन और फ्लैट की रजिस्ट्री कराने के मामले में लालू परिवार को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनके दो बेटियों को अगली सुनवाई तक अंतरिम जमानत दे दी है. इस मामले की अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी.
शुक्रवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनके दो बेटियों को अगली सुनवाई तक अंतरिम जमानत दे दी है. इस मामले की अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी. #Bihar #BiharNews लैंड फॉर जॉब, राबड़ी देवी #BiharPolitics #laluprasadyadav #landforjobscam pic.twitter.com/3C33dOTdSk
— THEBHARATNOW (@thebharatnow) February 9, 2024
रबड़ी देवी और दोनों बेटियों को मिली जमानत
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय की चार्जशीट पर सुनवाई करते हुए लैंड फॉर जॉब केस में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद की पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनकी दो बेटियों राज्य सभा सांसद मीसा भारती और हेमा यादव को जमानत दे दी. शुक्रवार को इन तीनों के अलावा अन्य आरोपियों की भी कोर्ट में पेशी हुई. हलांकि आरजेडी सुप्रीमों लालू प्रसाद अस्वस्थ होने के चलते सुनवाई में शामिल नहीं हुए. रबड़ी देवी और उनकी बेटियां बुधवार की रात ही दिल्ली के लिए निकल गई थी.
एक लाख के बेल बॉन्ड पर मिली जमानत
ईडी के चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने राबड़ी देवी, मीसा भारती और हेमा यादव समेत अन्य आरोपियों को आज यानी 9 फरवरी को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था. इस मामले में सभी आरोपियों ने अंतरिम जमानत की याचिका दायर की थी. मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने लालू परिवार को राहत देते हुए एक लाख के बेल बॉंड पर अंतरिम जमानत दे दी है.
क्या है नौकरी के बदले ज़मीन मामला
नौकरी के बदले भूमि घोटाले का मामला 2004-09 के दौरान ‘ग्रुप-डी’ कर्मियों की भर्ती में हुए तथाकथित भ्रष्टाचार से जुड़ा है. आरोप है कि उक्त अवधि में ‘ग्रुप-डी’ पदों पर नियुक्तियां के लिए जमीन बतौर रिश्वत ली गई. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मई 2022 को मामले में एफआईआर दर्ज की थी.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, सीबीआई ने आरोप लगाया है कि इस मामले में कोई सार्वजनिक नोटिस या विज्ञापन जारी नहीं किया गया थी और फिर भी नियुक्तियां की गईं.
इस मामले में लालू के अलावा उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव भी आरोपी हैं. कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के दौरान लालू के पास रेलवे विभाग था.