Friday, September 20, 2024

Prashant Kishor: प्रशांत किशोर का नीतीश और लालू पर हमला, बताया कौन हैं बिहार के नागनाथ और सांपनाथ

सोमवार को जनसुराज यात्रा ले कर निकले प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने फिर एक बार सीएम नीतीश कुमार और आरजेडी संस्थापक लालू प्रसाद यादव पर तीखा प्रहार किया. प्रशांत किशोर ने कहा, पिछले 30 साल से बिहार में नागनाथ और सांपनाथ की सरकार चल रही है.

बबूल की खेती करेंगे तो उस पेड़ से आम नहीं मिलेगा-प्रशांत किशोर

तालिमपुर गांव में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने लालू यादव और नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी के लागू होने से हर साल बिहार की जनता का 20 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है. बिहार की जनता का यह पैसा उन भ्रष्ट पुलिसवालों और अफसरों की जेब में जा रहा है जो घर-घर होम डिलीवरी करवा रहे हैं. प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने कहा कि हम आपको नीतीश कुमार, लालू यादव और मोदी जी का उदाहरण देने नहीं आए हैं. हम यहां आपको यह बताने आए हैं कि बबूल का खेती करेंगे तो उस पेड़ से आम नहीं मिलेगा.

बिहार में नागनाथ और सांपनाथ की सरकार चल रही है

उन्होंने कहा, “बिहार की जनता को अपनी समस्या के बारे में पता है. लेकिन जनता उस समस्या का समाधान नहीं निकाल पा रही है. बिहार की जनता के पास बस दो ही विकल्प रह गया है, ‘एक नागनाथ और एक सांपनाथ’. बिहार की जनता को अब साथ मिलकर एक विकल्प खोजना पड़ेगा. बिहार में दल बनाने की प्रक्रिया यह है कि जो आदमी राजनीति में आता है वो दल बना लेता है और खुद उस दल का नेता बन जाता है और उसके बाद अगला नेता अपने बेटा को बना देता है. आम जनता पूरी जिंदगी झंडा लेकर घूमती है और उसके हाथ कुछ नहीं लगता. बिहार में विकल्प तब बनेगा जब बिहार की जनता खुद मिलकर अपना विकल्प बनाएगी.”

बिहार के गौरव की रक्षा हम बिहारियों को करनी पड़ेगी: प्रशांत किशोर

प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने बिहार की बदहाली पर बोलते हुए कहा कि बिहार कभी नहीं सुधर सकता ये बात मान कर सब नेताओं ने अपने हाथ खड़े कर लिए हैं. बिहार तभी सुधरेगा जब बिहार की जनता इसे ईमानदारी से सुधारने की जिम्मेदारी लेगी. बिहार की जनता में यह काबिलीयत है कि वो बिहार को आने वाले 10 सालों में अग्रणी राज्यों में शामिल करा सकती है. बिहारी शब्द ने आज दूसरे राज्यों में गाली का रूप ले लिया है, आज बिहारी मतलब बेवकूफ, अनपढ़ माना जाने लगा है. बिहारी के लोग बेवकूफ नहीं है. बिहार ज्ञान की भूमि रही है. देवताओं को भी बिहार में आ कर ज्ञान की प्राप्ति हुई है. इस मिट्टी का गौरव करना हम बिहारियों को सीखना पड़ेगा.

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कहा तक पहुंची है जन सुराज यात्रा

सोमवार को जन सुराज पदयात्रा के 86वें दिन तालिमपुर पंचायत के पदयात्रा शिविर में सर्वधर्म प्रार्थना से हुई. इसके बाद प्रशांत किशोर सैकड़ों पदयात्रियों के साथ बी. एस. कॉलेज स्थित पदयात्रा शिविर से निकले. सोमवार को जन सुराज पदयात्रा पूर्वी चंपारण के मधुबन उत्तरी, रूपनी, भेलवा, बैसहा होते हुए सवंगिया पंचायत के मध्य विद्यालय में स्थित पदयात्रा शिविर में रात्रि विश्राम के लिए पहुंची. प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) अबतक पदयात्रा के माध्यम से लगभग 1000 किमी से अधिक पैदल चल चुके हैं. इसमें 550 किमी से अधिक पश्चिम चंपारण में पदयात्रा हुई और पूर्वी चंपारण में अबतक 350 किमी से अधिक पैदल चल चुके हैं. शिवहर में वे 8 दिन रुकें और अलग-अलग गांवों-प्रखंडों में गए. शिवहर में उन्होंने 140 किमी से अधिक की पदयात्रा की. दिन भर के पदयात्रा के दौरान प्रशांत किशोर ने 5 आमसभाओं को संबोधित किया और 6 पंचायत, 11 गांव से गुजरते हुए 16.5 किमी की पदयात्रा तय की. इसके साथ ही प्रशांत किशोर ने स्थानीय लोगों के साथ संवाद स्थापित किया.

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