Friday, November 22, 2024

Prashant Kishor: स्वास्थ्य कारणों से प्रशांत किशोर की जनसुराज यात्रा स्थगित,11 जून से फिर शुरू होगी यात्रा

पटना :  बिहार में पिछले लगभग 8 महीनों से चल रही प्रशांत किशोर (Prashant Kishor)की जनसुराज यात्रा स्थगित कर दी गई है. प्रशांत किशोर ने अपनी ये यात्रा 25 दिनों के लिए स्थगित की है. प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) के मुताबिक यात्रा फिर से 11 जून से  शुरु होगी. यात्रा अपने वर्तमान स्वरुप में ही जारी रहेगी. जहां पर यात्रा का समापन हुआ है यात्रा वहीं से शुरु की जायेगी.

prashant kishor jan suraj yatra
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प्रशांत किशोर ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कारण

यात्रा रोकने की जानकारी प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने समस्तीपुर के मोरवा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके दी. प्रशांत किशोर ने बताया कि उनके बाएं पैर की मांसपेशी फट जाने के कारण चलने में कठिनाई हो रही है. डॉक्टर्स का कहना है कि लगातार खराब सड़कों पर प्रतिदिन 20-25 किमी चलने के कारण ये परेशानी हुई है. डाक्टरों का सुझाव है कि 15-20 दिन पैरों को आराम दिया जाए. इसलिए यात्रा को स्थगित करनी पड़ रही है. यात्रा फिर से इसी स्वरूप में 11 जून को मोरवा के इसी मैदान से शुरू होगी और जैसे चल रही थी, वैसे चलती रहेगी.

2 अक्टूबर 2022 से बिहार में पदयात्रा कर रहे हैं प्रशांत किशोर

राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor ) बिहार में 2 अक्तूबर 2022 से लगातार जनसुराज पदयात्रा के माध्यम से बिहार के गांवों में पैदल चल रहे हैं. इस यात्रा के दौरान प्रशांत किशोर (Prashant Kishor )ने अब तक  2500 किमी से अधिक की दूरी तय की है.इस दौरान जनसुराज यात्रा ने पश्चिम चंपारण से चलकर शिवहर, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सिवान, सारण, वैशाली होते हुए 11 मई को समस्तीपुर जिले में प्रवेश किया. इसके बाद पैरों में समस्या आने के कारण डाक्टरों से सलाह ली गई और यात्रा को कुछ दिनों तक स्थगित करने का फैसला सर्वसम्मति से सभी जन सुराज से जुड़े लोगों द्वारा लिया गया.

आपको बता दें कि राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor ) अब तक दूसरी पार्टियों के लिए चुनाव की रणनीति बनाते रहे हैं लेकिन इस बार अब प्रशांत किशोर खुद मैदान में हैं और अपने लिए राजनीतिक जमीन की तलाश कर रहे हैं.  प्रशांत किशोर राजनीतिक रणनीति के महारथी माने जाते हैं और राजनीतिक हल्कों में इनकी पकड़ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कई राज्यों के नेता इनसे सलाह लेकर चुनाव लड़े और जीते भी है.

अब तक दूसरों के लिए रणनीति बनाने वाले प्रशांत किशोर की नजर अब बिहार के सीएम के कुर्सी पर है. यही वजह है कि अपनी पद यात्रा के दौरान प्रशांत किशोर लगातार बिहार की जेडीयू -आरजेडी सरकार पर हमलावर रहे हैं.

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