Sunday, September 8, 2024

ओणम साद्या: मलयाली त्योहार पर बनने वाली व्यंजनों की श्रंखला

ओणम एक मलयाली त्यौहार है जिसे फसलों के काटने के समय खूब धूमधाम से मनाया जाता है. 10 दिन चलने वाले इस त्योहार में कई तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं. पौराणिक कहानी के अनुसार, राजा महाबली इस दिन अपनी प्रजा को देखने के लिए आते हैं. लोग उनके सम्मान के रूप में ही इस त्योहार को मनाते हैं. इस त्योहार के मौके पर केरल में व्यंजनों की पूरी एक श्रंखला बनाई जाती है, जिस थाली का नाम होता है साद्या. मलयालम के इस शब्द का अनुवाद ‘दावत’ भी कर सकते हैं. ‘साद्या’ का आयोजन शादी ब्याह के अलावा त्योहारों पर भी किया जाता है. इसमें 24 से 28 व्यंजन तक परोसे जाते हैं. कहा जाता है कि पहले व्यंजनों की संख्या 64 तक होती थी. सारे व्यंजन शाकाहारी होते हैं और केले के पत्ते पर अपने सुनिश्चित स्थान पर ही परोसे जाते हैं. बाएं हाथ के ऊपर अचार रखा जाता है और नीचे की तरफ केला. ऊपर की तरफ पापड़, नमक, नींबू की फांक, चटनियां केले तथा कटहल और जिमीकंद के चिप्स आदि रहते हैं, ताकि रसेदार व्यंजनों की तरी में भीग न जाएं.
ओणम साद्या में क्या परोसा जाता है?
इस थाली में मुख्य आहार चावल ही होता है और अन्य सभी को कूटन संयुक्त नाम दिया जाता है. सांबर, रसम, कोझांबु के साथ ओलन, अवियल, थोरन, पुलिनकरी, एरिसारि, उपकरि अनिवार्यतः निर्धारित व्यंजन हैं. पारंपरिक विधान के अनुसार, ‘साद्या’ में उन्हीं सब्जियों का इस्तेमाल किया जा सकता है, जो केरल में पैदा होती हैं और मौसम के अनुकूल खाई जाती हैं. इस खाने को फर्श पर पालथी मारकर खाया जाता है. हलांकि अब केले के पत्ते को मेज पर ही रख कर भी परोसा जाने लगा है.
क्यों बनाएं जाते है इतने व्यंजन?
इतने सारे व्यंजनों को सूची में शामिल करने का एक कारण यह हो सकता है कि मेहमानों को कुछ तो पसंद जरूर आएगा. इसके अलावा आयुर्वेद के जानकारों का मानना है कि इसका असली कारण उन सभी रसों को इस भोज में सम्मिलित करना है, जो हमें निरोग रखते हैं. कद्दू की खट्टी पुलिनकरी तथा अदरक की इंजिपुली इसी का उदाहरण हैं.
इसके अलावा जिमीकंद, कद्दू, कच्चा केला जैसी आम सब्जियों की बहार ‘साद्या’ में देखने तथा चखने को मिलती है. पकाने के लिए नारियल के तेल का इस्तेमाल और कई तरीदार व्यंजनों में नारियल के दूध का इस्तेमाल होता है. कसा हुआ ताजा नारियल भी खुले हाथ से डाला जाता है. मसाले बहुत हल्के रहते हैं और इलायची, दालचीनी तथा लौंग और काली मिर्च ही भोजन को सुवासित बनाते हैं.
मीठे में बनता है तीन तरह का पायसम
खाने के समापन के लिए जो मिष्ठान निर्धारित हैं उनमें तीन तरह की खीर यानी पायसम हैं, जिनमें चावल के आटे की कतलियों से बना प्रदमन् और दाल से बना परिप्पु पायसम मुख्य हैं. पके कटहल की पायसम भी लोकप्रिय है. मिठास के लिए चीनी की जगह गुड़ का प्रयोग किया जाता है.

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

Latest news

Related news