Raid: भारत में प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी ने एक बार फिर बड़ी स्ट्राइक मारी है. देश के कई राज्यों में जांच एजेंसी ने पीएफआई के ठिकानों पर छापामरी की. जहां जहां रेड की गई उसमे उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार समेत कई राज्यों में 17 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की है.
बता दें बिहार के में मुजफ्फरपुर में पीएफआई संगठन से जुड़े मामले में कटरा के अनखौली एनआईए की टीम के द्वारा छापेमारी की गई छापेमारी सुबह 5:00 बजे से लेकर 10:00 बजे तक की गई और परिजनों से एक गहन पूछताछ भी की गई. वहीं एनआईए की टीम ने मोहम्मद साकिब के कई दस्तावेज को भी बरामद किया है. कोई घटना को लेकर परिजनों का कहना है कि पिछले 1 साल से हम लोगों से कोई बातचीत नहीं कर रहा है. आज सुबह में 5:00 बजे के दौरान एनआईए की टीम और पुलिस फोर्स के साथ पूछताछ की गई और मोबाइल नंबर भी लिया गया.
क्यों हुई रेड?
दरअसल आरोप है कि PFI के कई ओवर ग्राउंड वर्कर (OGW) एक बार फिर देश विरोधी गतिविधियों में बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक पीएफआई पर प्रतिबंध लगने और इसके बड़े नेताओं के जेल जाने के बाद संगठन ने अपने कार्यकर्ताओं को दोबारा संगठित और मजबूत करने का काम शुरू कर दिया है. एनआईए की टीम ने बिहार के मोतिहारी जिले में भी दस्तक दी है. टीम ने चकिया के कुंआवा गांव में छापेमारी की है. जहाँ से सज्जाद अंसारी का घर भी है। सज्जाद पिछले 14 महीनों से दुबई में नौकरी कर रहा है. यह एक्शन पहले ही गिरफ्तार हो चुके हरपुर किशुनी के रहने वाले इरशाद की गवाही पर हुई है. एनआईए की टीम छापेमारी के दौरान सज्जाद का आधार ,पैन कार्ड और अन्य कागजात साथ ले गई है.
2022 में किया गया था बैन
बता दें कि पिछले साल 2022 में केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को बैन किया था. केंद्र ने संगठन पर 5 साल का बैन लगाया है. कई राज्यों ने PFI को प्रतिबंधित करने की मांग की थी. इसके आलावा भी कई और संगठन हैं जो NGO के नाम पर देश विरोधी गतिविधियों और पैसों की हेराफेरी जैसा काम करती हैं। उन पर भी एक्शन लेते हुए केंद्र ने PFI के अलावा रिहैब इंडिया फाउंडेशन (RIF), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (AIIC), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (NCHRO), नेशनल वीमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन पर भी बैन लगाया गया था. इसके पहले भी NIA और तमाम राज्यों की पुलिस और एजेंसियों ने पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी कर सैकड़ों गिरफ्तारियां की थीं.
इसी कड़ी में आज की छापामारी भी काफी बड़े स्तर पर की गई है। इससे पहले 2022 में 22 सितंबर और 27 सितंबर को NIA, ED और राज्यों की पुलिस ने PFI पर ताबड़तोड़ छापेमारी की थी. पहले राउंड की छापेमारी में PFI से जुड़े 106 लोग गिरफ्तार हुए थे. दूसरे राउंड की छापेमारी में PFI से जुड़े 247 लोगों को हिरासत में लिए गया था. इस बीच कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन और बवाल भी देखने को मिला था। जांच एजेंसियों को PFI के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले थे. इसके बाद जांच एजेंसियों ने गृह मंत्रालय से कार्रवाई की मांग की थी. जांच एजेंसियों की सिफारिश पर गृह मंत्रालय ने PFI पर बैन लगाने का फैसला किया था.
कई राज्यों में अभी भी एक्टिव है PFI
हालत ये है कि केंद्र सरकार द्वारा बैन लगाए जाने के बाद भी पीएफआई दिल्ली, आंध्र,प्रदेश, असम, बिहार, केरल, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, हरियाणा, तमिलनाडु, तेलंगाना, मध्य प्रदेश में एक्टिव है. जिनपर पूरी तरह से रोक लगाने में पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां लगी हुई हैं।