Thursday, October 16, 2025

अमेरिकी विदेश मंत्री रुबियो से मुलाकात के बाद बोले जयशंकर- हालात अब काबू में

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भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) अमेरिका पहुंचे हैं। वह अमेरिका में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र में हिस्सा लेंगे। साथ ही 27 सितंबर को महाधिवेशन को संबोधित करेंगे। इसी बीच उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो (US Secretary of State Marco Rubio) से मुलाकात की है। दोनों नेताओं की मुलाकात न्यूयॉर्क में हुई है। दोनों नेता ऐसे समय में मिल रहे हैं जब टैरिफ और वीजा के मसलों पर दोनों देशों में तनातनी जारी है।

50 फीसदी टैरिफ के बाद पहली बार मुलाकात

अमेरिकी प्रशासन की ओर से भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाए जाने के बाद रूबियो और जयशंकर के बीच यह पहली आमने-सामने की मुलाकात है। जयशंकर ने एक्स पर पोस्ट में कहा, 'न्यूयॉर्क में मिलकर अच्छा लगा। हमारी बातचीत में वर्तमान चिंता के कई द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दे शामिल रहे। प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में प्रगति के लिए निरंतर सहयोग के महत्व पर सहमति बनी। हम संपर्क में बने रहेंगे।' यह बैठक भारत-अमरीका संबंधों को मजबूत करने के निरंतर प्रयास का हिस्सा है, जो हाल के महीनों में तनावपूर्ण हो गए थे, लेकिन अब सुधार के संकेत दे रहे हैं।

क्या कहा रूबियो ने

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारत-अमेरिका संबंध को अहम बताया। उन्होंने रक्षा, व्यापार, ऊर्जा, दवाइयों और क्रिटिकल मिनरल्स जैसे क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने का वादा किया। रुबियो ने कहा कि अमेरिका के लिए भारत हिंद-प्रशांत इलाके में अहम स्थान रखता है। उन्होंने क्वाड साझेदारी में मिलकर काम करने पर जोर दिया।

पीयूष गोयल भी अमेरिका में

जयशंकर के अलावा वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल भी अमरीका के दौरे पर रहेंगे। गोयल अपने अमेरिकी समकक्ष से ट्रेड के मुद्दे पर चर्चा करेंगे। दोनों देशों के बीच ट्रेड और टैरिफ के मसले पर गंभीर चर्चा होने की उम्मीद है।

ट्रंप ने लिए भारत को नुकसान पहुंचाने वाले फैसले

ट्रंप प्रशासन ने बीते कुछ हफ्तों में एक के बाद एक ऐसे फैसले लिए हैं जो सीधे तौर पर भारतीय हितों को नुकसान पहुंचाने वाले हैं। पहले 7 अगस्त से 25 फीसदी टैरिफ लगाया। फिर 27 अगस्त से रूसी तेल खरीदने पर अतिरिक्त 25 फीसदी टैरिफ लगाया। उसके बाद चाबहार पोर्ट पर प्रतिबंध लगाने की प्रक्रिया शुरू की। इसके बाद एच-1बी वीजा को लेकर नया नियम बनाया है जिसका सबसे ज्यादा असर भारतीय पेशेवरों पर पड़ने की आशंका है।

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