Waqf Bill 2024: मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (एमआरएम) के संयोजक शाहिद सईद ने मंगलवार को वक्फ संशोधन विधेयक 2024 को मंजूरी मिलने का स्वागत किया और इसे वंचित समुदायों को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया.
एएनआई ने सईद के हवाले से कहा, “यह विधेयक बुनियादी सामाजिक जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ वंचित और कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने के लिए एक प्रभावी साधन के रूप में काम करेगा. वक्फ संपत्तियां अब धार्मिक गतिविधियों तक ही सीमित नहीं रहेंगी, बल्कि उनका उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और रोजगार जैसे क्षेत्रों के लिए किया जाएगा.”
महिलाओं की भागीदारी को मिलेगा बढ़ावा- शालिनी अली
विधेयक की प्रशंसा करते हुए एमआरएम की महिला विंग की प्रमुख और राष्ट्रीय संयोजक शालिनी अली ने कहा कि इससे वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि विधेयक के पारित होने से समाज के विकास में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा.
उन्होंने कहा, “यह विधेयक पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करता है तथा समाज में समानता और समृद्धि को बढ़ावा देता है. समाज के सभी वर्गों को शामिल करने और महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता अभियान चलाए गए.”
विधेयक एक “ऐतिहासिक कदम”- शाहिद अख्तर
इस बीच, एमआरएम के एक प्रमुख सदस्य शाहिद अख्तर ने वक्फ संशोधन विधेयक को सामाजिक समानता और विकास के लिए एक “ऐतिहासिक कदम” बताया और कहा कि यह समाज के लिए एक “नई शुरुआत” है.
वक्फ विधेयक को मिली जेपीसी की मंजूरी
वक्फ विधेयक 1995 को संयुक्त संसदीय समिति से मंजूरी मिल गई है. संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) ने मंगलवार को वक्फ विधेयक 1995 को 14 खंडों/धाराओं में 25 संशोधनों के साथ मंजूरी दे दी.
एएनआई से बात करते हुए जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा कि वक्फ विधेयक को पारित करने के लिए कल दिल्ली में बैठक होगी.
हमने विपक्ष द्वारा प्रस्तावित सभी संशोधनों पर वोटिंग कराई थी. पूरी प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से हुई. हमने संशोधित विधेयक विधायी विभाग को भेज दिया है. कल दिल्ली में विधेयक को पारित करने के लिए बैठक होगी. जेपीसी की रिपोर्ट भी कल ही पारित की जाएगी. इसके बाद हम स्पीकर से संशोधित विधेयक पेश करने का अनुरोध करेंगे.
विपक्ष पर क्या बोले जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल
वक्फ जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा, सब कुछ रिकॉर्ड पर है. कल्याण बनर्जी, ए राजा, ओवैसी, संजय सिंह और इमरान मसूद ने हमेशा बैठकों में बाधा डाली है. मैंने हमेशा उन्हें बोलने का मौका दिया है और जेपीसी के सामने पेश होने वालों से जिरह भी की है.”
वक्फ (संशोधन) विधेयक पिछले वर्ष अगस्त में 21 सदस्यीय जेपीसी को भेजा गया था.
इस विधेयक का उद्देश्य राज्य वक्फ बोर्डों की शक्तियों में बदलाव लाना, वक्फ संपत्तियों का सर्वेक्षण करना और वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन करके अतिक्रमण हटाना है.
Waqf Bill 2024 के पीछे एमआरएम के प्रयास
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, विधेयक की प्रासंगिकता के बारे में लोगों को शिक्षित करने के लिए पूरे देश में 1,000 से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए गए.
इसमें कहा गया है कि विभिन्न एमआरएम संगठनों के 250 से अधिक प्रतिनिधियों ने जेपीसी के समक्ष तर्कपूर्ण तर्क प्रस्तुत किए.
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