Sunday, September 8, 2024

MP campaign over: 17 तारीख को होगा मतदान, शिवराज सिंह चौहान की किस्मत होगी ईवीएम में कैद

मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में आज बुधवार (15 नवंबर) को चुनाव प्रचार थम गया है. इस दोनों राज्यों में शुक्रवार (17 नवंबर) को मतदान होगा. मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटो के लिए एक चरण में ही वोट जाले जाएंगे.

सुबह 7 बजे से शुरू होगी वोटिंग

मध्य प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों पर शुक्रवार सुबह 7 बजे से वोटिंग शुरू हो जाएगी. मध्य प्रदेश की 230 सीटों पर 5.6 करोड़ मतदाता हैं. इनमें से 2.88 करोड़ पुरुष मतदाता और 2.72 करोड़ महिला मतदाता हैं. कुल 22.36 लाख युवा पहली बार मतदान करेंगे.

मध्य प्रदेश में बीजेपी प्रचार का कैसा रहा हाल

बात अगर राजनीति की करें तो मध्य प्रदेश में मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच है. कांग्रेस यहां बड़ी जीत का दावा कर रही है. चुनाव की घोषणा होने के पहले तक ये माना भी जा रहा था कि कांग्रेस मध्य प्रदेश में बड़ी जीत दर्ज करेंगी.
इसकी सबसे बड़ी वजह मामा पर से बीजेपी का भरोसा उठने को माना जा रहा था. चुनाव की तारीखों के एलान से पहले प्रधानमंत्री जब मध्य प्रदेश आए तो न उन्होंने शिवराज सिंह चौहन में चुनाव लड़ने की बात की न उनकी लाड़ली बहन जैसी प्रमुख योजनाओं का जिक्र किया. ऐसा माना जाने लगा की बीजेपी इस बार मामा की विदाई कर ही देगी.
फिर हुई चुनावों की घोषणा बीजेपी के प्रत्याशियों की लिस्ट में सात सांसदों समेत तीन केंद्रीय मंत्रियों के नाम आने के बाद तो ये भी बात होने लगी कि शिवराज सिंह को टिकट ही नहीं दिया जाएगा. क्योंकि जिन सात सांसदों और केंद्रीय मंत्रियों को वोट मिले उनमें मुख्यमंत्री पद के कद्दावर नेता शामिल थे.
लेकिन इसके बाद पार्टी में अलग-थलग पड़े शिवराज सिंह चौहान इमोशनल कार्ड खेला और वो अपनी सभाओं में कहने लगे, मामा चला जाएगा तो बहुत याद आएगा. जिसके बाद बीजेपी की चौथी लिस्ट में शिवराज सिंह चौहान का नाम आखिर आ ही गई.
इसके साथ बीजेपी को ज़मीनी स्तर से जो फीड बैक मिलना शुरु हुआ उसमें बताया गया कि शिवराज सिंह और उनकी योजनाओं को अगर नज़र अंदाज़ किया गया तो बीजेपी को नुकसान होगा. जिसके बाद पीएम भी अपनी रैली में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी लाडली बहना योजना को जिक्र करना लगे. अब तो सूत्रों का ये कहना है कि पार्टी चुनाव में सबसे ज्यादा उम्मीद लाडली बहना योजना से ही लगाए हुए है.

कांग्रेस-समाजवादी पार्टी में विवाद से शुरु हुआ प्रचार

वहीं कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के साथ जीत पक्की मान रही कांग्रेस के लिए प्रचार की शुरुआत समाजवादी पार्टी के साथ विवाद से हुई. सीट बंटवारे को लेकर अखिलेश कमालनाथ से नाराज हो गए. उन्होंने तो इंडिया गठबंधन तक पर सवाल उठा दिए. ऐसा माना जाने लगा कि मध्य प्रदेश की आंच कांग्रेस को यूपी में जला देगी. अखिलेश की पार्टी कांग्रेस से 6 सीट की उम्मीद कर रही थी लेकिन कांग्रेस ने उन्हें अंत तक लटका के रखा और फिर अपने उम्मीदवार उन सीटो पर उतार दिए.
खैर इस विवाद से परे कांग्रेस ने बीजेपी को मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेरा तो बीजेपी का नारा जो राम को लाए है हम उनको लाएंगे प्रदेश में काफी प्रचारित हुआ.
दोनों ही तरफ से जीत के दावे भी हुए, राहुल गांधी ने बीजेपी पर सरकार चुराने का आरोप लगाया तो प्रधानमंत्री मोदी ने अपने एक भाषण में उन्हें मूर्खों का सरदार तक कह दिया.

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