RSS प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) दिया है. भागवत ने कहा हे कि, “हमारे यहां पहले ग्रंथ नहीं थे, मौखिक परंपरा से चलता आ रहा था. बाद में ग्रंथ इधर-उधर हो गए और कुछ स्वार्थी लोगों ने ग्रंथ में कुछ-कुछ घुसाया जो गलत है. उन ग्रंथों, परंपराओं के ज्ञान की फिर एक बार समीक्षा जरूरी है…”
नागपुर में दिए RSS प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) के इस बयान को यूपी और बिहार में रामायण को लेकर उठे विवाद से जोड़ कर देखा जा रहा है.
#MohanBhagwat: #RSS प्रमुख मोहन भागवत का बयान-ग्रंथों, परंपराओं के ज्ञान की फिर एक बार समीक्षा जरूरी है. नागपुर में भागवत ने कहा “कुछ स्वार्थी लोगों ने ग्रंथ में कुछ-कुछ घुसाया जो गलत है.” pic.twitter.com/sEFEuFungi
— THEBHARATNOW (@thebharatnow) March 3, 2023
बिहार और यूपी में मचा है रामायण पर बवाल
बिहार में शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव और यूपी में एसपी नेता स्वामी प्रसाद मौर्या ने रामायण में दलितों और महिलाओं के अपमान को लेकर मोर्चा खोला हुआ है.
दोनों नेताओं ने रामायण की चौपाइयों सुनाकर दावा किया है कि रामायण में शुद्र और नारी का अपमान किया गया है.
स्वामी प्रसाद मौर्या ने तो यहां तक कहा था कि, “इंडियंस आर डाग” कहकर अंग्रेजों ने जो अपमान व बदसलूकी ट्रेन में गांधी जी से किया था, वह दर्द गांधी जी ने ही समझा था. उसी प्रकार धर्म की आड़ में जो अपमानजनक टिप्पणियां महिलाओं व शुद्र समाज को की जाती हैं उसका दर्द भी महिलायें और शुद्र समाज ही समझता है.”
इसी तरह बिहार के शिक्षा मंत्री ने भी इसी हफ्ते एक और चौपाई का हवाला देते हुए कहा था कि रामायण में पिछड़ों के लिए कई अपमानजनक चौपाइयों का इस्तेमाल किया गया है