Friday, November 8, 2024

मिलिए शकील अहमद से जो करते हैं भूकंप की भविष्यवाणी

ताइवान में आया आज का भूकंप काफी विनाशकारी साबित हो सकता था हलांकि अभी तक इस भूकंप की वजह से एक व्यक्ति की मौत की पुष्टि हुई है और ताइवान में कई इमारतों को नुक्सान भी पहुँचा. ऐसे में फिर वही बहस शुरू होती है कि आज के दौर में जहां हम विज्ञान के क्षेत्र में दिन दो गुनी रात चौगुनी तरक्की कर चुके हैं तो भूकंप जैसी आपदा का पहले से पता लगाने के लिए कोई आविष्कार या जरिया क्यों नहीं है.

यहाँ तक की दुनिया भर के वैज्ञानिकों का कहना है कि भूकंप की भविष्यवाणी करने का अभी तक कोई तरीका नहीं है, एक व्यक्ति इससे सहमत नहीं है. वाराणसी के छित्तनपुरा इलाके की गलियों में, Shakeel Ahmed, एक ‘क्लाउड रीडर’ कहलाते हैं.

अहमद का दावा है कि पिछले दो दशकों से वह बादलों के आकार और गतिविधियों का अध्ययन कर रहे हैं और उस ज्ञान का उपयोग भूकंप और उनकी तीव्रता की भविष्यवाणी करने के लिए कर रहे हैं. अहमद का कहना है कि उनकी भविष्यवाणियों का वैज्ञानिक आधार है. “जब भूकंप करीब आता है तो बादल एक विशेष मोज़ेक पैटर्न बनाते हैं. यह कोई मिथ नहीं है. मैं इसे वैज्ञानिक रूप से साबित कर सकता हूं.”

आजीविका के लिए गत्ते के बक्से बनाने वाले 62 साल के इस व्यक्ति का कहना है कि उन्हें जीवन में बहुत पहले ही बादलों को देखने और उनके पैटर्न का रिसर्च करने का शौक विकसित हो गया था. नेपाल और उत्तरी भारत में भूकंप आने से तीन दिन पहले, अहमद ने कहा कि उन्होंने आपदा न्यूनीकरण के लिए अंतर्राष्ट्रीय रणनीति (आईएसडीआर) और अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (यूएसजीएस) को अपनी भविष्यवाणियां ईमेल की थीं, लेकिन उन्हें कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली.

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उन्होंने ये भी बताया कि कैसे उन्होंने 2001 में गुजरात में और फिर 2005 में कश्मीर में भूकंप की भविष्यवाणी की थी और दुनिया के अन्य हिस्सों में भी भूकंप आए थे. उनका कहना है कि नियमित रूप से आईएसडीआर सचिवालय, यूएसजीएस, भारत के सभी महत्वपूर्ण मंत्रालयों और यहां तक ​​कि मीडिया घरानों को अपनी भविष्यवाणियां ई-मेल करता हूं, लेकिन कोई भी मुझे गंभीरता से नहीं लेता है. वे मेरी भविष्यवाणियों के सच होने के बाद उन पर दोबारा गौर तक नहीं करते हैं.”

उन्होंने समझाया- “वर्षों तक बादलों को देखने के बाद, मुझे एहसास हुआ कि भूकंप या भारी बारिश से पहले बादल एक अजीब और विशेष पैटर्न बनाते हैं. मैंने बहुत स्व-अध्ययन किया और फिर मैंने भूकंप की वास्तविक घटनाओं के साथ अपनी भविष्यवाणियों का मिलान किया और पाया कि मैंने सटीक भविष्यवाणियां की थीं. शकील अहमद ने वाराणसी आयनोस्फेरिक और वायुमंडलीय केंद्र और भूकंप केंद्र की स्थापना की है, जिसे वह अपने घर से चलाते हैं. वह खुद को इसका डायरेक्टर बताते हैं. .

Shakeel Ahmed ने ट्वीट शेयर कर दिखाया भूकंप आने का सबूत

“मैं इस बात से बहुत दुखी हूं कि कोई भी मुझे गंभीरता से कोई नहीं लेता. मुझे बुरा लग रहा है क्योंकि अगर अधिकारियों ने मेरी भविष्यवाणियों पर ध्यान दिया होता तो कई लोगों की जान बचाई जा सकती थी,” इसका सबसे ताज़ा उदहारण और सबूत की बात की जाए तो आज ताइवान में आये भूकंप की भविष्यवाणी भी वो पहले ही कर चुके थे जिसका सबूत है उनके द्वारा भेजा गया वो मेल जो उन्होंने ट्वीट कर शेयर किया.

2 अप्रैल को शकील जी ने एक मेल किया USGS को यानी US जियोलाजिकल सर्वे को जिसमें ताइवान इंडोनेशिया जैसी जगहों पर भूकंप की चेतवानी वो देते नज़र आ रहे हैं. उन्होंने ये भी बताया कि 2 तरीक से लेकर 7 और 9 तक कभी भी 6 और 7 की तीव्रता वाला भूकंप आ सकता है. लेकिन इस मेल को भी गंभीरता से नहीं लिया गया और नतीजा आपके सामने है.

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