Monday, December 23, 2024

लखनऊ: यजदान बिल्डिंग के ध्वस्तीकरण पर लगी रोक, सिविल जज ने जारी किया स्टे ऑर्डर

लखनऊ में नजूल की जमीन पर बन बहुमंजिला इमारत यजदान भवन के धवस्तीकरण पर अदालत ने अंतरिम रोक लगा दी है. सिविल जज पूर्णिमा प्रांजल ने यह आदेश फ्लैट मालकिन दिव्या श्रीवास्तव की एक अर्जी पर दिया है. 14 नवंबर को दिव्या ने एक वाद दाखिल कर ध्वस्तीकरण पर रोक लगाने की मांग की थी. उस रोज अदालत ने कोई राहत नहीं देते हुए वाद के प्रतिवादीगणों को नोटिस जारी करने का आदेश दिया था. साथ ही मामले की सुनवाई 29 नवंबर के लिए नियत की थी.
आपको बता दें यजदान बिल्डिंग को गिराने से रोकने के लिए रविवार को वकीलों की एक टीम कोर्ट का स्टे आर्डर लेकर पहुंची थी. इसके बावजूद लखनऊ विकास प्राधिकरण ने ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को नहीं रोका था. वकीलों की टीम ने दिखाया कि मामले में कोर्ट से स्टे मिल गया है. जबकि एलडीए ने दलील दी कि जो कागज दिखाया गया उसमें संबंधित अधिकारी के साइन नहीं थे. वहीं वकीलों का कहना था कि यह आदेश पोर्टल पर भी आ गया है.

फ्लैट मालिकों ने खटखटाया था अदालत का दरवाज़ा
दरअसल यजदान बिल्डर की इमारत को एलडीए ने अवैध घोषित करते हुए ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू की थी इसके खिलाफ तकरीबन 35 आवंटियों ने अदालत में याचिका दायर की है. उनका कहना है कि हमारा जो पैसा फ्लैट लेने में खर्च हुआ है उसे कौन वापिस करेगा.
हालांकि कुछ आवंटी को की तरफ से याचिका हाईकोर्ट में भी दायर की गई थी लेकिन हाईकोर्ट ने ध्वस्तीकरण पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार करने के साथ ही साथ एलडीए को 10 दिन में जवाबी हलफनामा भी पेश करने का आदेश दिया था.


क्या है मामला
लखनऊ में विकास प्राधिकरण का कहना है कि इस मामले में 2016 से कार्रवाई चल रही है. 2016 में ही बिल्डरों को नोटिस भेजा गया था. लेकिन नोटिस के बावजूद यहां निर्माण का काम चलता रहा. LDA के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने इस परिसर को भी सील किया था. जिसके बाद बिल्डर प्रधिकरण के ध्वस्तिकरण के आदेश के ख़िलाफ़ कमिश्नर से लेकर उच्च न्यायालय तक गया था, जहां इनकी याचिका खारिज हुई है.

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

Latest news

Related news